5-5 करोड़ की कोठियों के आगे बज रहे नीले कार्ड बनवाने के ‘लाऊड-स्पीकर’

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 08:47 AM

punjab corporation elections 2017

शहर में इन दिनों चुनावी खुमार छाया हुआ है। शायद ही कोई सड़क या गली होगी जहां पर किसी न किसी दल का झंडा नहीं लहरा रहा होगा। किसी एक गली में आपको किसी न किसी दल का कोई उम्मीदवार चंद समर्थकों के साथ नकार आ जाएगा लोगों से अपने लिए वोट मांगते। कहीं कुछ...

जालंधर (अनिल पाहवा): शहर में इन दिनों चुनावी खुमार छाया हुआ है। शायद ही कोई सड़क या गली होगी जहां पर किसी न किसी दल का झंडा नहीं लहरा रहा होगा। किसी एक गली में आपको किसी न किसी दल का कोई उम्मीदवार चंद समर्थकों के साथ नकार आ जाएगा लोगों से अपने लिए वोट मांगते। कहीं कुछ लोग नारे लगाते दिख जाएंगे तो कहीं ढोल-नगाड़ों की धमाल आपका कुछ देर के लिए मनोरंजन भी कर जाएगी। 

इस सब के बीच एक और आवाका जो लोगों को आकॢषत कर रही है वह है रिक्शा पर लगे स्पीकरों में राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगती खनकती आवाका। वैसे तो यह सामान्य सी बात है लेकिन कई स्थानों पर इन स्पीकरों में बोले जा रहे शब्द राजनीतिक दलों व उनके उम्मीदवारों की सोच व मानसिकता का खुला प्रदर्शन कर रहे होंगे। जाहिर हो जाएगा कि राजनीतिक दलों के उम्मीदवार किस हद तक लकीर के फकीर बन घूम रहे हैं।

शहर के कुछ पॉश क्षेत्रों जहां पर कोठियां शायद 25-30 मरले या 5-5 करोड़ रुपए से कम की नहीं होंगी, में स्पीकर पर घोषणा की जा रही होती है कि अगर अमुक उम्मीदवार की जीत हुई तो सभी जरूरतमंद लोगों को नीले कार्ड मुहैया करवाए जाएंगे। इससे अधिक कहीं अजीब बात यह है कि इसी क्षेत्र में स्पीकर पर घोषणा की जा रही थी कि अमुक नेता के जीत जाने पर बिजली की समस्या हल करवा दी जाएगी। अब कोई इनसे पूछे कि एक तरफ तो पॉश इलाका, ऊपर से पार्षद बनने के बाद बिजली विभाग में कौन सी ऐसी अप्रोच हो जाएगी जो बिजली की समस्या हल करवा दी जाएगी।

अगर यह दावा कोई विधायक बनने वाला नेता करे तो बात कुछ हज्म भी होती है। दिलचस्प बात यह भी है कि शहर के लाजपत नगर या माडल टाऊन जैसे क्षेत्र में शायद ही कोई सड़क होगी जो अधूरी पड़ी हो या न बनी हो। वहां भी स्पीकर पर सड़क, पानी व सीवरेज की व्यवस्था करने का ऐलान किया जा रहा है। चुनावों में खड़े नेताओं की सोच या समझ कितनी है इस बात का अंदाजा इससे ही हो जाता है कि जो पार्षद लगातार 10 वर्ष तक पार्षद रहा वह भी अपने क्षेत्र में स्पीकर पर प्रचार कर रहा है कि अगर वह जीत गया तो सड़कें, सीवरेज व पानी की व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी। 

अब उनसे पूछा जाए कि लगातार 10 वर्ष पार्षद रह कर भी आपने अगर यह काम पहले नहीं करवाए तो अब कहां से करवा दोगे। लेकिन शायद इन नेताओं को यह नहीं पता कि यह जो पब्लिक है सब जानती है। शहर में इस समय सबसे बड़ी समस्या स्नैङ्क्षचग की है जिसे लेकर खुद पुलिस आयुक्त ने कुछ दिन पहले ङ्क्षचता जाहिर की थी परंतु किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने अपनी तरफ से इस प्रकार की घटनाओं पर अंकुश लगाने का दावा नहीं किया, जबकि आज शहर में यह एक बड़ी समस्या है। 

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