Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 07:58 AM
जालंधर नगर निगम के 80 वार्डों में चुनावों का जोर-शोर चरम पर पहुंच गया है। चंद दिन बाद मतदान है। ऐसे में प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की धड़कनें तेज होने लगी हैं। इस बार नई वार्डबंदी होने के कारण पुराने वार्डों में काफी बदलाव हुए हैं जिस कारण चुनाव...
जालंधर (अश्विनी खुराना): जालंधर नगर निगम के 80 वार्डों में चुनावों का जोर-शोर चरम पर पहुंच गया है। चंद दिन बाद मतदान है। ऐसे में प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की धड़कनें तेज होने लगी हैं। इस बार नई वार्डबंदी होने के कारण पुराने वार्डों में काफी बदलाव हुए हैं जिस कारण चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के साथ-साथ वोटर भी काफी दुविधा में हैं।
इन चुनावों में जहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और अकाली-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच माना जा रहा है वहीं इन दोनों पाॢटयों के बागी उम्मीदवार शहर के कई वार्डों में बिग फाइट का सीन बना रहे हैं। करीब दर्जन भर वार्ड ऐसे हैं जहां सत्ता का संतुलन बागी उम्मीदवारों के हाथ में है इसलिए उन वार्डों में किसकी विजय होगी इसे लेकर सिर्फ अंदाजे लगाए जा रहे हैं। ‘पंजाब केसरी’ की टीम ने शहर के उन वार्डों का दौरा किया जहां बागी होकर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने सभी दलों के समीकरण बिगाड़ रखे हैं।
वार्ड नं. 52
कुल वोट :
करीब 9200
वार्ड के अंतर्गत आते क्षेत्र : चरणजीतपुरा, जट्टपुरा, मलकां चौक, मि_ा बाजार, किला मोहल्ला, नौहरियां बाजार, कोतवाली बाजार, बांसां वाला बाजार, अली मोहल्ला, ब्रांडरथ रोड, शेखां बाजार।
समीकरण : इस वार्ड से भाजपा ने सिटिंग पार्षद वरिन्द्र शर्मा गुड्डू की टिकट काट कर युवा चेहरे के रूप में हिमांशु शर्मा को उम्मीदवार बनाया है जबकि कांग्रेस ने भी नए चेहरे के रूप में विपन चड्ढा को टिकट दी है। इस वार्ड से भाजपा के बागी नेता वरिन्द्र शर्मा गुड्डू भी चुनाव मैदान में है। तीनों उम्मीदवार प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं परन्तु स्पष्ट है कि बागी उम्मीदवार को मिलने वाले वोट वार्ड के पार्षद बारे फैसलाकुन होंगे। ज्यादातर वोटर भी संभावित विजेता को लेकर निश्चित रूप से कुछ नहीं कह रहे। बाजी किसी के भी पलड़े में जा सकती है।
वार्ड नं. 78
कुल वोट :
करीब 2500
वार्ड के अंतर्गत आते क्षेत्र : शिवनगर, गुरु नानक नगर, न्यू गुरु नानक नगर, रतन नगर, न्यू रतन नगर।
समीकरण : पहले यह वार्ड अन्य वार्डों का हिस्सा हुआ करता था और इस बार स्वतंत्र रूप से नए वार्ड के रूप में गठित हुआ है। भाजपा ने यहां से अपने अनुभवी पार्षद रवि महेन्द्रू को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने जनरल वार्ड होने के बावजूद दलित नेता जगदीश समराय को टिकट देकर नवाजा है। चूंकि यह वार्ड पुराने वार्ड नं. 40 का हिस्सा था इसलिए सिटिंग कांग्रेसी पार्षद प्रदीप राय भी यहां से दावा जता रहे थे। पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दी जिस पर वह आजाद खड़े हो गए। अब वार्ड में मुकाबला त्रिकोणीय बन चुका है और बागी उम्मीदवार के चलते पलड़ा किसी के पक्ष में भी झुक सकता है। इस वार्ड के ज्यादातर वोटर भी किसी एक उम्मीदवार की जीत को लेकर सुनिश्चित नहीं दिख रहे क्योंकि तीनों ने ही चुनावों में पूरी ताकत झोंक रखी है।