Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Nov, 2017 01:30 PM
अभी सड़कों पर लगे साइन बोर्डों पर पंजाबी भाषा को बनता मान-सम्मान न मिलने का विवाद खत्म नहीं हुआ, कि एक अन्य विवाद खड़ा हो गया। वह यह कि पंजाब के टोल नाकों पर भी पंजाबी भाषा का अपमान हो रहा है, क्योंकि सभी नोटीफिकेशन ङ्क्षहदी व अंग्रेजी में लगे हुए...
बठिंडा(बलविंद्र): अभी सड़कों पर लगे साइन बोर्डों पर पंजाबी भाषा को बनता मान-सम्मान न मिलने का विवाद खत्म नहीं हुआ, कि एक अन्य विवाद खड़ा हो गया। वह यह कि पंजाब के टोल नाकों पर भी पंजाबी भाषा का अपमान हो रहा है, क्योंकि सभी नोटीफिकेशन ङ्क्षहदी व अंग्रेजी में लगे हुए हैं।
टोल नाकों पर जरूरी नोटीफिकेशन लगाए जाते हैं जिनमें नियमों की जानकारी, टोल पर किस-किस व्यक्ति विशेष या वाहन को छूट है आदि बारे बताया गया है। स्वाभाविक है कि इन नोटीफिकेशनों का उद्देश्य वहां से गुजरने वाले लोगों को सारी जानकारी देना होता है। इसलिए ये नोटीफिकेशन क्षेत्रीय भाषा में लिखे जाते हैं।
पूर्व अकाली-भाजपा सरकार पहले ही नोटीफिकेशन जारी कर चुकी है कि सभी सरकारी विभागों, अदालतों आदि के कार्यों में पंजाबी भाषा का प्रयोग किया जाए ताकि मां बोली पंजाबी को बनता मान-सम्मान मिल सके, परंतु टोल नाकों पर पंजाबी भाषा को पूरी तरह अपमानित करते हुए नोटीफिकेशन सिर्फ हिंदी व अंग्रेजी में ही लिखे गए हैं। साइन बोर्डों पर पंजाबी भाषा को तीसरा स्थान दिया गया है लेकिन यहां तो कोई भी स्थान नहीं दिया गया। जैसे कि बाजाखाना रोड पर पड़ते टोल नाके पर कुछ सिर्फ ङ्क्षहदी में हैं, जबकि कुछ पर हिंदी व अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किया गया है।
नियमों मुताबिक ही बोर्ड लगे: कम्पनी अधिकारी
बठिंडा-अमृतसर रोड का काम कर रही कम्पनी जी.आर. प्रोजैक्ट के वाइस प्रैजीडैंट सुनील अग्रवाल का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देशों व नियमों के अनुसार अंग्रेजी-ङ्क्षहदी भाषा वाले नोटीफिकेशन टोल नाकों पर लगे हैं। फिलहाल उनको साइन बोर्डों पर पंजाबी भाषा को ऊपर लिखने के लिए कहा गया है।
क्या कहना है एक्शन कमेटी के प्रवक्ता का
मां बोली सत्कार एक्शन कमेटी के मुख्य प्रवक्ता बलजिंद्र सिंह बागी कोटभारा ने कहा कि उनके संघर्ष का उद्देश्य सिर्फ पंजाबी भाषा को सत्कार दिलाना है। इसलिए पंजाबी भाषा का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।