Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Jan, 2018 12:17 PM
देश की बड़ी यूनिवर्सिटी में शुमार पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी (पी.टी.यू.) के गिरफ्तार पूर्व उप-कुलपति डा. रजनीश अरोड़ा की गिरफ्तारी के मामले में जहां पी.टी.यू. के प्रशासनिक तंत्र में जबरदस्त खलबली मच गई है।
कपूरथला (भूषण, मल्होत्रा): देश की बड़ी यूनिवर्सिटी में शुमार पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी (पी.टी.यू.) के गिरफ्तार पूर्व उप-कुलपति डा. रजनीश अरोड़ा की गिरफ्तारी के मामले में जहां पी.टी.यू. के प्रशासनिक तंत्र में जबरदस्त खलबली मच गई है।
वहीं इस पूरे प्रकरण में आने वाले दिनों में होने वाली जांच के दौरान यूनिवर्सिटी से संबंधित कई ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों की नौकरी पर खतरे की तलवार लटक सकती है, जिनकी नियुक्ति राजनीतिक सिफारिश या ऊंची पहुंच के बल पर किए जाने की चर्चाएं अक्सर सामने आती रही हैं। जो कहीं न कहीं मलाईदार पदों पर बैठे ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आने वाले दिनों में एक बुरा संदेश बन कर सामने आ सकता है।
4 वर्ष पहले उठी थी पी.टी.यू. विवाद की पहली चिंगारी
वर्ष 2013 में पंजाब टैक्रीकल यूनिवर्सिटी में नियुक्तियों को लेकर हुई बंदरबाट तथा कुछ चहेती कम्पनियों को लाभ पहुंचाने को लेकर लग रहे आरोपों के बीच पी.टी.यू. प्रबंधन की शिकायत पर थाना सदर कपूरथला की पुलिस ने एक एफ.आई.आर. दर्ज करते हुए उत्तर-पूर्वी प्रदेशों से संबंधित कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था तथा इस पूरे मामले को लेकर गिरफ्तार पूर्व उप-कुलपति डा. रजनीश अरोड़ा की मौजूदगी में तत्कालीन तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल जोशी ने वीडियो-कॉन्फ्रैंसिंग के मार्फत मीडिया को जानकारी दी थी लेकिन इस मामले में भी कई अहम छेद रह गए थे तथा अंदर ही अंदर इस मामले को दबाने की बातें उठने लगी थीं।
वहीं इस मामले में पी.टी.यू. प्रबंधन पर लीपापोती करने की बात भी सामने आ रही थी हालांकि इतनी बड़ी चर्चाओं के बाद भी कई बड़ी स्तर पर हुई नियुक्तियों की न तो जांच करवाई गई और न ही इस संबंधी तत्कालीन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कोई स्पष्टीकरण दिया, जिसके कारण लगातार करीब 4 वर्ष तक चली चिंगारी ने आग का रूप धारण करते हुए आखिरकार पी.टी.यू. के पूर्व उप-कुलपति सहित 10 अधिकारियों को शुरूआती दौर में ही अपनी चपेट में ले लिया। इसकी तपिश से अब आने वाले दिनों में कई अहम खुलासे सामने आने के साथ-साथ और भी कई नियुक्तियों पर सरकारी तलवार अपना प्रहार कर सकती हैं।
जांच के लिए बुलाए जा सकते हैं कई वरिष्ठ पी.टी.यू. अधिकारी
इस पूरे मामले की जांच कर रही विजीलैंस टीम जहां आने वाले दिनों में कई और वरिष्ठ पी.टी.यू. अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। वहीं इस मामले में विजीलैंस ब्यूरो पी.टी.यू. में जाकर कई अहम दस्तावेज खंगाल सकती है ताकि इस पूरे फर्जीवाड़े में सामने आए करोड़ों रुपए के घपले तथा नियुक्तियों के संबंध में अहम जानकारियां जुटाई जा सकें। इसको लेकर आने वाले दिन इस पूरे मामले में काफी अहम साबित हो सकते हैं।
बताया जाता है कि इस मामले में गंभीर शिकायतें आने पर पंजाब सरकार ने सेवानिवृत्त वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी एस.एस. ढिल्लों के नेतृत्व में बनाई गई विशेष कमेटी को जांच के आदेश दिए थे, जिसकी जांच के आधार पर विजीलैंस ब्यूरो ने इस पूरी कार्रवाई को अमलीजामा पहनाया।
विजीलैंस ने मांगा था 10 दिन का पुलिस रिमांड
इस पूरे मामले में तेजी से जांच प्रक्रिया में जुड़ी विजीलैंस ब्यूरो कपूरथला की टीम ने ए.सी.जे.एम. मनप्रीत कौर से 10 दिनों के पुलिस रिमांड की मांग करते हुए इस पूरे फर्जीवाड़े को काफी बड़ा बताया था तथा और भी कई सनसनीखेज खुलासे सामने आने की संभावना व्यक्त की थी, जिसके दौरान अदालत ने आरोपी डा. रजनीश अरोड़ा को 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया।