मिले-जुले रिस्पांस के साथ प्री-प्राइमरी क्लासिज शुरू,कहीं 2 तो किसी में 10 नौनिहाल पहुंचे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 10:21 AM

pre primary classes

बाल दिवस पर राज्य सरकार द्वारा प्री-प्राइमरी क्लासिज की शुरूआत एक औपचारिक समारोह के साथ मंगलवार को हो गई। जिला शिक्षा विभाग एलीमैंटरी ने सभी 946 स्कूलों को नर्सरी, एल.के.जी. और यू.के.जी. की क्लासिज शुरू करने की हिदायत दी थी।

पटियाला(प्रतिभा): बाल दिवस पर राज्य सरकार द्वारा प्री-प्राइमरी क्लासिज की शुरूआत एक औपचारिक समारोह के साथ मंगलवार को हो गई। जिला शिक्षा विभाग एलीमैंटरी ने सभी 946 स्कूलों को नर्सरी, एल.के.जी. और यू.के.जी. की क्लासिज शुरू करने की हिदायत दी थी।

वहीं मिली जानकारी के मुताबिक तकरीबन सभी स्कूलों ने क्लासिज शुरू कर दी हैं। यह बात अलग है कि  फिलहाल इन क्लासिज में बच्चों की गिनती बहुत ज्यादा नहीं है। किसी स्कूल में 2 तो किसी में 10 बच्चे आए हैं। यानी अभी शिक्षा विभाग को लोगों को और जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे भी अपने 3 से 5 साल के बच्चों को स्कूल भेजकर बेसिक पढ़ाई करवा सकें। त्रिपड़ी सरकारी स्कूल में जिला स्तरीय कार्यक्रम करवाया गया। यहां डिप्टी डायरैक्टर सैकेंडरी शिक्षा शेर सिंह व एम.सी. वेद कपूर पहुंचे। डी.ई.ओ. एलीमैंटरी दर्शन लाल ने अपने विचार दिए। जबकि मौके पर जिला बाल सुरक्षा अफसर रूपवंत कौर, सैंटर हैड टीचर जतिन मिगलानी व अन्य मौजूद रहे। 


अब समस्या जगह और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी 
चाहे सरकार ने ‘पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब’ के तहत एक अच्छी शुरूआत कर दी है पर अब चुनौतियां और भी ज्यादा बढ़ चुकी हैं, क्योंकि प्री-प्राइमरी क्लासिज सभी एलीमैंटरी- प्राइमरी स्कूलों में शुरू हुई हैं। अब कुछ स्कूल तो ऐसे हैं, जहां जगह की कमी नहीं है पर वहां इंफ्रास्ट्रक्चर कम है और दूसरी तरफ ऐसे स्कूल हैं, जहां न तो पूरी जगह है और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर। ऐसे में समस्या शुरू हो चुकी है। अभी तो हालात ये हैं कि पहले से पढ़ रहे बच्चों को न तो वॢदयां मिली हैं और न ही मिड-डे मील देने के लिए सरकार से फंड मिल रहा है। ऐसे में हालातों को सुधारने के लिए सरकार और विभागों के पास कोई हल भी नहीं है। 
शहर के 6 स्कूल ऐसे, जहां 150 से ज्यादा बच्चों के लिए 2 कमरे 
दाना मंडी स्थित हाई स्कूल में प्राइमरी क्लासिज का दौरा किया गया तो प्राइमरी स्कूल के 153 बच्चों के लिए कमरे सिर्फ दो ही पाए गए। सिर्फ इसी एक स्कूल का उदाहरण लें तो 153 प्राइमरी क्लासिज के बच्चे, 20 बच्चे आंगनबाड़ी के और 10 बच्चे जोकि आज प्री-प्राइमरी क्लासिज शुरू हुई हैं, उनके भी आ गए।

यानी कुल 183 बच्चे तो इसी स्कूल में प्राइमरी, प्री-प्राइमरी और आंगनबाड़ी के हो गए। 200 के करीब इन बच्चों के लिए कमरे सिर्फ 2 ही हैं। वो भी कमरे ही हैं, उन्हें बड़े हाल नहीं कह सकते हैं। जहां बच्चों को ठीक से बैठने में भी दिक्कत है।  इसी तरह से घास मंडी के हाई स्कूल में भी प्राइमरी के बच्चों को बैठने की जगह नहीं थी। तपती गर्मी में वो बाहर बरामदे में बैठ रहे थे। पंजाब केसरी में खबर छपने के बाद उन्हें हाई स्कूल में एक कमरा दिया गया था। खुद विभाग की अथारिटी ने इस बात को माना है कि सिर्फ शहर में ही इस तरह के 6 के करीब स्कूल हैं, जहां जगह की कमी है। 

धीरे-धीरे सुधार कर पाएंगे : डी.ई.ओ. एलीमैंटरी
इस मामले में डी.ई.ओ. एलीमैंटरी दर्शन लाल ने कहा कि आज प्री-प्राइमरी क्लासिज शुरू हुई हैं। अब जो कमियां हैं, वे धीरे-धीरे ही दूर कर पाएंगे। यह बात सही है कि कई स्कूलों में आज बच्चे बहुत ही कम आए थे। पर 30 नवम्बर तक का समय सरकार ने दिया है। लोगों को जागरूक किया जाएगा। फंड्स भी जल्द ही मिल जाएंगे। जो फीडबैक मिली है, वो काफी अच्छी रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर और जगह की बात पर डी.ई.ओ. ने कहा कि उनके पास ऐसे और भी कई स्कूलों की जानकारी है, जहां इस तरह की कमियां हैं। कई स्कूल अनसेफ हैं, उनकी रिपोर्ट बनाकर अथारिटी को भेजी गई है। जो भी उनके लैवल पर समस्या हल होगी, उसे हल किया जाएगा। जो अथारिटी लैवल की होगी, उसके बारे में अथारिटी से निवेदन किया जाएगा। 
 

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