तोगडिय़ा का ‘सियासी एन्काऊंटर’ करने की चल रही थी तैयारी !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 12:48 PM

praveen togadia

फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगडिय़ा, जो पिछले 5 वर्ष से लगभग गायब थे, एकाएक आजकल गुजरात से लेकर दिल्ली तक के मीडिया में छाए हुए हैं। प्रवीण तोगडिय़ा ने अपनी प्रैस कांफ्रैंस में रो-रोकर बताया कि कैसे उनका...

जालंधर(पाहवा): फायर ब्रांड नेता के तौर पर जाने जाते विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगडिय़ा, जो पिछले 5 वर्ष से लगभग गायब थे, एकाएक आजकल गुजरात से लेकर दिल्ली तक के मीडिया में छाए हुए हैं। प्रवीण तोगडिय़ा ने अपनी प्रैस कांफ्रैंस में रो-रोकर बताया कि कैसे उनका ‘एन्काऊंटर’ भी हो सकता था लेकिन पुलिसिया एन्काऊंटर का तो पता नहीं परंतु तोगडिय़ा का ‘पॉलिटिकल एन्काऊंटर’ किए जाने की पिछले काफी समय से कोशिश चल रही है। भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के बाद सच में प्रवीण तोगडिय़ा के सियासी एन्काऊंटर की तैयारी हो चुकी थी। वैसे संघ परिवार के सहयोगी संगठन विश्व हिंदू परिषद के मुखिया प्रवीण तोगडिय़ा की पहले से ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बहुत कम बनी है। सूत्रों के मुताबिक संघ परिवार के निर्देश के बाद गुजरात के रहने वाले तोगडिय़ा गुजरात चुनाव से ही नदारद रहे थे।


संघ नहीं है तोगडिय़ा से खुश
यहां तक कि संघ परिवार की तरफ से इस बात की पूरी कोशिश हो रही थी कि प्रवीण तोगडिय़ा की वी.एच.पी. प्रमुख के पद से छुट्टी कर दी जाए। सूत्रों के मुताबिक संघ प्रवीण तोगडिय़ा द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले सरकार विरोधी बयानों से खुश नहीं था। वह नहीं चाहता था कि परिवार के भीतर से ही सरकार को परेशान करने वाली आवाज उठे। लिहाजा कई बार संघ परिवार की बैठकों में भी समन्वय बनाने पर बल दिया जाता रहा। 

दिसम्बर में थी छुट्टी की तैयारी 
संघ सूत्रों के मुताबिक वी.एच.पी. के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिय़ा को हटाने की दिसम्बर के आखिर में वी.एच.पी. कार्यकारिणी की भुवनेश्वर में हुई बैठक में तैयारी की गई थी लेकिन परिषद के भीतर से आ रही आवाजों और भावनाओं के दबाव में संघ को भी अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे और तोगडिय़ा का सियासी एन्काऊंटर रुक गया। बताया तो यह भी जा रहा है कि अभी हाल ही में विधानसभा चुनावों के बाद भी तोगडिय़ा को लेकर संघ में कुछ गहमा-गहमी चल रही है। 

भाजपा विरोधियों ने ही पूछा तोगडिय़ा का हाल
उधर, भाजपा और संघ में यह खबर है कि गुजरात में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी को हराने के लिए प्रवीण तोगडिय़ा ने इस बार भी पूरा जोर लगा दिया था। यही नहीं, तोगडिय़ा से अस्पताल में मिलने के लिए जाने वालों में भी भाजपा के लोग न के बराबर हैं जबकि उन्हें मिलने वालों में हार्दिक पटेल, पूर्व आई.पी.एस. अफसर डी.जी. वंजारा और कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया शामिल हैं। वंजारा वही आफिसर हैं जो इशरत जहां एन्काऊंटर केस में जेल गए। वह एक वक्त में अमित शाह के बेहद करीबी माने जाते थे लेकिन बाद में उन्होंने जेल से ही एक सार्वजनिक पत्र लिखकर उन पर कई आरोप लगाए। इस बार वह भाजपा से टिकट लेकर चुनाव लडऩा चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। अब वंजारा पूरी तरह भाजपा के खिलाफ हैं।

छिन सकती है जैड प्लस सिक्योरिटी
जब गुजरात में केशुभाई शीर्ष पर थे तो हिंदू राजनीति के प्रतीक प्रवीण तोगडिय़ा ही थे। नरेंद्र मोदी और तोगडिय़ा अ‘छे मित्र थे और गुजरात के पुलिस आफिसर तोगडिय़ा के इशारे पर चलते थे। तब से लेकर अब तक तोगडिय़ा के पास जैड प्लस सिक्योरिटी थी। अब कहा जा रहा है कि तोगडिय़ा से जैड प्लस सिक्योरिटी वापस ली जा सकती है। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि अब तोगडिय़ा के लिए आने वाला समय और भी परेशानी भरा हो सकता है, क्योंकि सुरक्षा वापस लिए जाने के साथ-साथ उनके बरसों पुराने मुकद्दमे भी खुल सकते हैं।

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