Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 01:29 PM
वैसे तो पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों का कहना है कि थानों में हर तरह की सुविधा है व पब्लिक को थाने में किसी किस्म की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा परंतु हकीकत कुछ और ही है।
गिद्दडबाहा (संध्या): वैसे तो पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों का कहना है कि थानों में हर तरह की सुविधा है व पब्लिक को थाने में किसी किस्म की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा परंतु हकीकत कुछ और ही है।
जब शहर के थानों में चक्कर लगाए गए तो देखने पर सामने आया कि थानों की इमारतें अभी तक अंग्रेजों के जमाने की ही बनी हुई हैं जोकि खस्ता हालत में हैं व किसी समय भी गिर सकती हैं और बड़ा जानी-माली नुक्सान हो सकता है। इन थानों की बिल्डिंग में घास-फूस उगे हुए हैं। यह सब देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे उच्चाधिकारियों द्वारा कभी इन थानों का निरीक्षण ही न किया गया हो। थानों की हालत खस्ता होने के बावजूद इनको दोबारा बनाना तो दूर इनकी मुरम्मत तक भी नहीं की जा रही है।
पुलिस कर्मचारियों और पब्लिक की मुश्किलों में हो रही बढ़ौतरी
कई थानों में तो हालात और भी बदतर हैं, वहां शौचालयों की सफाई न होने के कारण काफी गंदी बदबू आती है जिससे लोगों को बदबू का सामना करने के लिए विवश होना पड़ता है। इन थानों में तो पानी का भी योग्य प्रबंध नहीं है जिस कारण पुलिस कर्मचारियों व लोगों की मुश्किलों में और बढ़ौतरी हो जाती है।
108 साल पहले हुई थी स्थापना
साल 1909 में गिद्दड़बाहा की स्थापना हुई व आज 108 साल गिद्दड़बाहा को आबाद हुए हो गए। अंग्रेजों के जमाने की बनी रेलवे स्टेशन के पास एक इमारत में स्थानीय पुलिस स्टेशन चल रहा है। आजादी के करीब 70 साल बीत जाने के बाद भी गिद्दड़बाहा के पुलिस स्टेशन को एक आधुनिक पुलिस स्टेशन न मिलने की कमी रही। स्थानीय पुलिस स्टेशन की इमारत की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि अगर उक्त इमारत पर कबूतर भी बैठते हैं तो नीचे बैठे व्यक्तियों को इमारत की कडिय़ों वाली छत गिरने का डर बना रहता है।
एस.एच.ओ. का कार्यालय कडिय़ों वाली छत होने के कारण बरसात में छत से पानी टपकता है। कडिय़ां नीचे तक इतनी लटक चुकी हैं कि उनको सहारा देने के लिए गार्डर का उपयोग किया गया है। पुलिस कर्मचारी इन छतों के नीचे बैठकर ड्यूटी देने को मजबूर हंै। उल्लेखनीय है कि पुलिस स्टेशन गिद्दड़बाहा को नई इमारत देने के लिए पिछले 2 सालों से कार्य किए जा रहे है परंतु समय की सरकारों द्वारा बरती गई कौताही के कारण आज भी पुलिस कर्मचारी खस्ता हालत इमारत में काम कर रहे हैं।