Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Dec, 2017 08:36 AM
सरकार ने जब से अबोहर को 10 गंदे शहरों में शामिल होने का दर्जा दिया है तब से नगर परिषद व कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने आगे आकर शहर को साफ करने का बीड़ा उठाया है।
अबोहर (भारद्वाज): सरकार ने जब से अबोहर को 10 गंदे शहरों में शामिल होने का दर्जा दिया है तब से नगर परिषद व कुछ समाजसेवी संस्थाओं ने आगे आकर शहर को साफ करने का बीड़ा उठाया है।
इससे कई जगह जहां बड़े-बड़े गंदगी के डिपो बने हुए थे वहां कुछ जगह की सफाई हुई लेकिन इसके साथ ही यमराज द्वारा छोड़े गए यमदूतों ने भी शहर से लोगों की सफाई करनी शुरू कर दी है इसमें बेसहारा पशु तो पहले शामिल थे लेकिन अब ट्रैफिक व्यवस्था का बुरा हाल हो गया है। इसमें पीटर रेहड़ों का बड़ा योगदान है क्योंकि सरकार द्वारा इन पीटर रेहड़ों पर न तो कोई टैक्स लगाया जाता है और न ही इन्हें चलाने वाले चालकों को लाइसैंस लेना जरूरी होता है जिसके चलते उन्होंने मंडी नं 1 व मंडी नं 2 में अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया है।
वहां वर्षों से बैठे दुकानदार की दुकान पर आने वाले ग्राहक की बात तो दूर स्वयं दुकान मालिक को भी अपनी दुकान के आगे फोर व्हीलर या टू व्हीलर लगाना बड़ा मुश्किल हो गया है। इस संवाददाता ने जब मंडी नं. 1 का दौरा किया तो पाया कि मंडी नं. 1 में पीटर रेहड़ों ने अपना कब्जा जमाया हुआ था क्योंकि मंडी नं. 1 के आढ़तिए अपना सुबह का कामकाज नई अनाज मंडी ले जाकर निपटाने के साथ मंडी में बनी अपनी दुकानों पर लेन-देन करने व हिसाब-किताब करने के लिए वापस आते थे तो उनके लिए अपनी दुकान तक जाना बड़ा मुश्किल कार्य होता था। पूर्व की बादल सरकार ने ट्रैक्टर ट्राली को भी किसान का गड्डा घोषित करने के पश्चात उन्हें भी ट्रैफिक अव्यवस्था में अपना योगदान डालने की छूट मिल गई क्योंकि इन्हें भी सरकार द्वारा न तो ड्राइविंग लाइसैंस और न ही रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत होती है। क्या प्रशासन व समाज सेवी इस ओर ध्यान देंगे।