परिजन दयानंद अस्पताल पहुंचे तो डाक्टरों ने कहा, 'बहुत पहले हो चुकी है मौत;

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 11:12 AM

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40 वर्षीय एक महिला की इलाज के दौरान मौत होने पर गुस्साए उसके परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ शव को अस्पताल के बाहर रख जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी डाक्टर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके उसे तुरंत...

लुधियाना(महेश):40 वर्षीय एक महिला की इलाज के दौरान मौत होने पर गुस्साए उसके परिजनों ने डाक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ शव को अस्पताल के बाहर रख जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी डाक्टर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करके उसे तुरंत गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारि यों ने वहां हंगामा कर दिया, जिस पर पुलिस ने लाठियां भांज कर उन्हें खदेड़ दिया। समाचार लिखे जाने तक स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियत्रंण में थी। आला अधिकारी खुद मौके पर पहुंच कर स्थिति पर निगाह रखे हुए थे। बताया जाता है कि नूरवाला रोड की बैंक कालोनी की शांति को बुखार की शिकायत होने पर 4 दिन पहले शिवपुरी के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शांति के पति विनोद ने बताया कि उसकी पत्नी का बुखार नहीं टूट रहा था।


जब उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसके सैल 1.50 लाख थे। परंतु इलाज के दौरान उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती रही। आज जब उसके डाक्टर ने सैल चैक किया तो वह 44,000 रह गए। बाद दोपहर एकाएक डाक्टर ने उस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया कि वह अपनी पत्नी को दयानंद अस्पताल ले जाए। विनोद का आरोप है कि डाक्टर की तरफ से मरीज को अस्पताल पहुंचने के लिए न तो कोई एम्बुलैंस मुहैया करवाई गई और न ही रास्ते में देखभाल के लिए किसी नर्स या अन्य डाक्टर को भेजा। वह आटो में डालकर शांति को दयानंद अस्पताल लेकर पहुंचे तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और उनसे कहा कि इसकी मौत बहुत पहले हो चुकी है। यह सुनकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। उसके 2 बच्चे हैं। विनोद ने बताया कि इसके बाद वह पत्नी के शव को लेकर वापस डाक्टर के पास पहुंचा। जब उसने इस संबंधी डाक्टर से बात की तो डाक्टर ने उसकी कोई बात नहीं सुनी और उल्टा उसे ही फटकार दिया और दूसरे अस्पताल वालों पर झूठे आरोप लगाने शुरू कर दिए।  

 

उधर शांति की मौत का पता चलते ही उसकी बिरादरी व इलाके के लोग विनोद के समर्थन में अस्पताल के बाहर इकट्ठे होने शुरू हो गए। देखते ही देखते सैंकड़ों लोगों की भीड़ अस्पताल के बाहर जमा हो गई। जिन्होंने शव को अस्पताल के बाहर रखकर रोष प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और डाक्टर की गिरफ्तारी की मांग करनी शुरू कर दी। 
विनोद व प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि शांति की मौत डाक्टर की लापरवाही के कारण हुई है। उनका कहना था कि जब तक पुलिस केस दर्ज करके डाक्टर को गिरफ्तारी नहीं करती तब तक वह शव को वहां से नहीं हटाएंगे। इस घटना की सूचना मिलने पर ए.सी.पी. नार्थ सचिन गुप्ता, सलेम टाबरी थाना प्रभारी इंस्पैक्टर अमनदीप सिंह बराड़ भारी पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंच गए। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया और शव की बेकद्री न करने की अपील की। परंतु इसी बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने हंगामा करते हुए पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिन्हें खदेडऩे के लिए पुलिस ने अंधाधुंध लाठियां भांजनी शुरू कर दी। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने लाठीचार्ज करने से साफ इंकार किया है, जबकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने बिना बात के उन पर डंडे बरसाए जिसमें उनके 3-4 साथी घायल हुए हैं, जिनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए आला अधिकारी खुद मौके पर पहुंच गए। देर रात तक पूरे इलाके में तनाव बना रहा परंतु पुलिस का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है।

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