Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Dec, 2017 12:07 PM
पंजाब में भले ही मोटर वाहन एक्ट 2015 लागू है व इस एक्ट के अधीन यातायात के नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है परंतु इसके बावजूद भी न तो कानून के रखवाले कानून की पालना करते हैं और न ही सड़कों पर ओवरलोड...
श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): पंजाब में भले ही मोटर वाहन एक्ट 2015 लागू है व इस एक्ट के अधीन यातायात के नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है परंतु इसके बावजूद भी न तो कानून के रखवाले कानून की पालना करते हैं और न ही सड़कों पर ओवरलोड वाहन भगाने वाले किसी की परवाह करते हैं। जिस कारण सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रहे इन ओवरलोड वाहनों के चलते लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं।
अब धुंध का मौसम भी शुरू है, ऐसे में सड़कों पर सरपट दौडऩे वाले सरिए लदे वाहन लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। इस मामले को लेकर पंजाब केसरी की टीम द्वारा यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है जहां यह बात सामने आई है कि जितने कसूरवार सड़कों पर ओवरलोड वाहन चलाने वाले लोग हैं, उससे कहीं अधिक कसूरवार हमारा प्रशासन है, क्योंकि अगर कानून की लाठी तेज हो तो गलती करने की किसी की हिम्मत नहीं पड़ती परंतु यहां तो टै्रफिक नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
निर्धारित मानकों से ऊपर नहीं रखा जा सकता सामान
टै्रफिक नियमों वाले कानून के अनुसार कोई भी वाहन भले वह ट्रक, टैंपो, ट्राली आदि है पर निर्धारित मानकों से ऊपर सामान नहीं रखा जा सकता, इसका उल्लंघन करना कानूनी जुर्म है। बसों, ट्रकों, कारों, जीपों, टैक्सियों आदि पर निर्धारित सीटों से अधिक सवारियों को बैठाना भी गैर कानूनी है परंतु यहां न तो वाहनों पर सामान लिङ्क्षफ्टग की कोई सीमा है और न ही सवारियां चढ़ाने वाले कोई गिनती-मिनती रखते हैं और सवारियों को तूड़ी जैसे भर कर चल पड़ते हैं।
ओवरलोड वाहनों पर लदा सामान है नुक्सानदेय
वाहनों पर लाद कर ले जाए जा रहे लोहे के सरिए व लकड़ी आदि बेहद जानलेवा साबित होते हैं, क्योंकि पीछे को बढ़े होने के कारण हादसे अधिक होते हैं। रात समय तो ऐसे वाहन सड़कों पर और भी खतरनाक साबित होते हैं। कई बार पाइपों से भरे ओवरलोड ट्रक भी सड़कों पर दिखाई देते हैं व ऐसे वाहनों की जल्दी ब्रेक भी नहीं लगती। ओवरलोड वाहनों पर लदा सामान नुक्सानदेय है। इसके अतिरिक्त अधिक भरे हुए वाहनों के कारण सड़कें टूटती हैं।
ओवरलोड वाहनों के कारण प्रतिदिन होते हैं हादसे
सड़कों पर चल रहे ओवरलोड वाहनों के कारण प्रतिदिन हादसे होते हैं व अब तक अनेकों मौतें हो चुकी हैं। बहुत से लोग जख्मी भी हुए हैं। राज्य भर में सड़क हादसों दौरान हर वर्ष 5000 के करीब लोगों की मौत हो जाती है व 20 हजार के लगभग लोग जख्मी होते हैं। इनमें से अधिकतर मौतें ओवरलोड वाहनों के कारण होती हैं।