Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 10:04 AM
10वीं और 12वीं कर रहे विद्यार्थियों के लिए वार्षिक परीक्षा से पहले पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड और सैंट्रल बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने एक अहम फैसला लेते हुए यह ऐलान किया है कि अब कोई भी स्कूल अपने विद्यार्थियों के अपने स्कूल में सैंटर बनाकर...
फरीदकोट (हाली): 10वीं और 12वीं कर रहे विद्यार्थियों के लिए वार्षिक परीक्षा से पहले पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड और सैंट्रल बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (सी.बी.एस.ई.) ने एक अहम फैसला लेते हुए यह ऐलान किया है कि अब कोई भी स्कूल अपने विद्यार्थियों के अपने स्कूल में सैंटर बनाकर पेपर नहीं ले सकेगा। बोर्डों के इस फैसले से जहां नकल पर काबू पाया जा सकेगा वहीं विद्यार्थियों में पढ़ कर परीक्षा देने की रुचि बढ़ेगी।
जानकारी के अनुसार पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (पी.एस.ई.बी.) के 10वीं और 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थी इस बार अपने स्कूलों में फाइनल परीक्षाएं नहीं देंगे। नकल और पक्षपात को रोकने के मकसद से बोर्ड परीक्षाएं अब दूसरे स्कूलों में बने सैंटरों में होंगी। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि कोई भी उक्त दोनों कक्षाओं वाला स्कूल अपने विद्यार्थी को अपने स्कूल में बने परीक्षा सैंटर पर न बिठाए।
इस संबंधी यह भी फैसला लिया गया है कि परीक्षा के लिए ड्यूटी पर तैनात किए जाने वाले अमले में शामिल अध्यापक का तजुर्बा कम से कम 5 साल का होना चाहिए। शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार यह फैसला केंद्रीय बोर्ड के डायरैक्टरों की तरफ से की गई मीटिंग के उपरांत लिया गया है और अब शिक्षा बोर्ड भी केंद्रीय बोर्ड की तरह परीक्षाएं लिया करेगा।
स्कूलों को सूची भेजने के निर्देश
स्कूलों को यह भी यकीनी बनाने के लिए कहा गया है कि कोई भी 2 स्कूल आपसी सहमति से कहीं भी सैंटर न बना लें, इस पर भी नजर रखी जाए। सी.बी.एस.ई. की तर्ज पर बोर्ड परीक्षाएं लेने के उद्देश्य से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को संभावित परीक्षा केन्द्रों की सूची तुरंत बोर्ड दफ्तर को भेजने के लिए कहा गया है। पंजाब शिक्षा बोर्ड ने इस बार की वार्षिक परीक्षाओं के लिए 30 प्रतिशत परीक्षा अमला भी प्राइवेट स्कूलों से लेने का फैसला किया है।