Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 10:31 AM
नोटबंदी राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाई गई एक बुरी नीति उभर कर सामने आई है। इसकी प्राप्तियां यदि कोई थीं, तो उसको बहुत बड़ा नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस नीति ने देश की आर्थिकता को बुरी तरह से चोट मारी है। नए नोटों की छपाई पर आए खर्च ने एक...
जीरा (अकालियांवाला): नोटबंदी राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाई गई एक बुरी नीति उभर कर सामने आई है। इसकी प्राप्तियां यदि कोई थीं, तो उसको बहुत बड़ा नहीं कहा जा सकता, लेकिन इस नीति ने देश की आर्थिकता को बुरी तरह से चोट मारी है। नए नोटों की छपाई पर आए खर्च ने एक बहुत बड़ा नुक्सान किया है। खेतीबाड़ी उद्योगपतियों तथा व्यापारी वर्ग का जहां नुक्सान हुआ है, वहीं कई जिंदगियां भी मौत की भेंट चढ़ गईं, जिस कारण कांग्रेस हाईकमान के फैसले के अनुसार कांग्रेस पार्टी नोटबंदी को एक काले दिवस के तौर पर मना रही है।
ये विचार पूर्व मंत्री जत्थेदार इंद्रजीत सिंह जीरा ने आज नोटबंदी दिवस पर किए गए रोष मार्च दौरान सांझे किए। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण देश के लोगों की टूटी हुई आर्थिकता की कमर अभी मजबूत नहीं हुई थी कि ऊपर से जी.एस.टी. जैसे फैसले थोप दिए गए। यह रोष मार्च विधायक कुलबीर सिंह जीरा की कोठी से शुरू हुआ तथा पूर्व मंत्री जत्थेदार इंद्रजीत सिंह जीरा की रहनुमाई में शेरावाला चौक में पहुंचा, जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला फूंका गया।