मलाई जैसी सड़क के नजारे के लिए मलवइयों की जेब पर डाका

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jan, 2018 02:14 PM

national highway

नए साल के पहले माह ही पटियालवियों समेत मलवइयों की जेब पर डाका डालना शुरू हो जाएगा। चंडीगढ़ से बठिंडा जाते समय मलाई जैसी सड़क का नजारा लेने के लिए अब लगभग कार के तेल जितना ही टोल टैक्स अदा करना पड़ेगा। बठिंडा से चंडीगढ़ पहुंचने के लिए मलाई जैसी सड़क...

पटियाला (जोसन): नए साल के पहले माह ही पटियालवियों समेत मलवइयों की जेब पर डाका डालना शुरू हो जाएगा। चंडीगढ़ से बठिंडा जाते समय मलाई जैसी सड़क का नजारा लेने के लिए अब लगभग कार के तेल जितना ही टोल टैक्स अदा करना पड़ेगा। बठिंडा से चंडीगढ़ पहुंचने के लिए मलाई जैसी सड़क का नजारा लेने के लिए 5 टोल प्लाजों से गुजरना पड़ेगा। इनमें से 5 टोल बैरियरों में से 2 शुरू हो चुके हैं और 3 जल्दी जनवरी में शुरू होने जा रहे हैं। 

यह भी बताने योग्य है कि बठिंडा से चंडीगढ़ तक यदि बस में जाना हो तो 220 रुपए किराया लगता है, जबकि डीजल कार में करीब 500 के आसपास तेल लगता है। इसलिए अब इन 5 टोल बैरियरों पर भी लगभग इतना ही टैक्स अदा करना पड़ सकता है। हर टोल पर 100 रुपए के आसपास पर्ची कटानी पड़ेगी। 

कहां लग रहे हैं टोल टैक्स
बठिंडा से चलते समय पहला टोल प्लाजा भुच्चो मंडी के नजदीक गांव लहराबेघा, दूसरा बरनाला के पास गांव बडबर, तीसरा भवानीगढ़ के पास गांव कालाझाड़ गांव, चौथा राजपुरा के पास धरेड़ी जट्टां और 5वां बैरियर जीरकपुर के पास लगाया जा रहा है। इनमें से बड़बर और कालाझाड़ बैरियर शुरू हो चुके हैं, जबकि बाकी इसी माह शुरू होने जा रहे हैं।

बठिंडा से चंडीगढ़ की दूरी लगभग 220 किलोमीटर के करीब है, जिसका एक तरफ का किराया प्रति सवारी 220 रुपए के करीब है। जबकि 5 टोल बैरियरों पर लगभग 500 रुपए के करीब टोल टैक्स अदा करना पड़ सकता है। समय बेशक कम लगेगा परन्तु इसके साथ ही चंडीगढ़ जाने वाले व्यक्तियों को अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ेगी। जितनी तेजी के साथ सड़क का निर्माण चल रहा है, उससे भी जल्दी 3 जगह टोल टैक्स बैरियर लगाने का काम चल रहा है। चहुंमार्गी सड़क का निर्माण होने के बाद जहां बठिंडा से चंडीगढ़ जाने वाले राहगीरों के समय की बचत होगी, वहीं अनुमान है कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। परंतु टोल टैक्स कटाकर जेब भी ढीली करनी पड़ेगी। 

सड़क के प्रोजैक्ट पर आ रहा है 3 हजार करोड़ का खर्च 
इस प्रोजैक्ट पर करीब 3000 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। बठिंडा से चंडीगढ़ जाते समय करीब 25 फ्लाई ओवर/पुल, रेलवेब्रिज और अंडरपास तैयार किए जाने हैं। बेशक यह सड़क लगभग 95 प्रतिशत बन चुकी है, परन्तु जिन फ्लाईओवरों का काम चल रहा है, वह भी पूरे जोरों पर है और जल्द ही काम मुकम्मल हो जाएगा। बता दें कि इस सड़क का प्रोजैक्ट मार्च 2017 में तैयार होना था, परन्तु सड़क का काम कुछ बढऩे कारण प्रोजैक्ट लेट हो गया।

जनवरी 2018 के अंत तक पूरा होने के आसार 

इस सड़क की मियाद पहले मार्च 2017 थी, फिर बढ़कर अक्तूबर 2017 कर दी गई। इसके बाद भी काम सिरे नहीं चढ़ा और अब जनवरी 2018 के अंत तक काम पूरा होने के आसार हैं। इस प्रोजैक्ट का ठेका कई कंपनियों के पास है। यदि पटियाला से जीकरपुर की बात करें तो कुल 60 किलोमीटर का रास्ता है। इसको फोरलेन करने के लिए 2 हिस्सों में बांट दिया गया है। 

पटियाला से राजपुरा और राजपुरा से जीरकपुर हिस्से बनाए गए हैं। इस प्रोजैक्ट की लागत 600 करोड़ रुपए है। प्रोजैक्ट का काम साल 2015 में शुरू हुआ था। इस प्रोजैक्ट का काम पूरे जोरों के साथ रात-दिन करके लगभग सिरे चढ़ा दिया गया है और कुछ फ्लाईओवरों का काम अधूरा है, जो जारी है और 1 माह में समाप्त होने की आशा है। इस फोरलेन में 12 पुल और अंडरपास तैयार किए जा रहे हैं। 

इस समय पटियाला के नजदीक अर्बन एस्टेट में फ्लाईओवर का काम चल रहा है, जिसके जल्दी मुकम्मल होने की उम्मीद है, जबकि राजपुरा बाईपास में रेलवे फाटक पर बन रहे हैं और फ्लाईओवर को मुकम्मल कर लिया गया है। सभी प्रोजैक्टों के मुकम्मल होने के बाद पटियाला-जीरकपुर-चण्डीगढ़ का रास्ता जो इस समय लगभग डेढ़ घंटे का है, वह 40-50 मिनट का ही रह जाएगा। इसके साथ जहां आम लोगों को फायदा होगा, वहीं टोल टैक्स कटा कर जेब भी हल्की करनी पड़ेगी। 

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