Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 02:06 PM
जिस केस को पुलिस ने आत्महत्या का मामला मानकर 174 की कार्रवाई करके मामले को बंद कर दिया था, वह मामला हत्या का निकला। बीमे की राशि हड़पने की नीयत से सगे साले ने ही अपने जीजे को जीवित ही नहर में फैंक दिया।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): जिस केस को पुलिस ने आत्महत्या का मामला मानकर 174 की कार्रवाई करके मामले को बंद कर दिया था, वह मामला हत्या का निकला। बीमे की राशि हड़पने की नीयत से सगे साले ने ही अपने जीजे को जीवित ही नहर में फैंक दिया। बात का तब पता चला जब पुलिस ने जिला परिषद के सदस्य भगवान सिंह भाना पर हमला करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी ने बताया कि मैंने 20 लाख की बीमे की राशि हड़पने के लिए ही अपने जीजा निर्मल दास को जीवित ही नहर में फैंक दिया था।
साले ने ही करवाया था अपने जीजा का बीमा
घटना संबंधी जानकारी देते हुए एस.एस.पी. हरजीत सिंह ने बताया कि 12 जनवरी 2017 को निर्मल दास पुत्र मघर दास वासी वजीदके कलां, जो कि नहरी विभाग में बेलदार था, उसकी नहर में से लाश मिली थी, पुलिस ने इस संबंध में 174 की कार्रवाई अमल में लाई थी। तब पारिवारिक मैंबरों को ऐसा लगता था कि मृतक निर्मल दास अधिक शराब पीता था। शायद शराब पीकर ही वह नहर में गिर गया होगा, परंतु जब आज हरप्रीत दास उर्फ हैप्पी को पुलिस ने भगवान सिंह भाना पर फायरिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया तो पुलिस पूछताछ में आरोपी ने माना कि उसने ही अपने जीजा निर्मल दास को बीमे के 20 लाख रुपए हड़पने के लालच में अपने साथी राजविन्दर सिंह उर्फ राजू तथा नरेश कुमार के साथ मिलकर उसको नहर में फैंक दिया था।
पुलिस पूछताछ में इन्होंने बताया कि हमने यह बीमा खुद ही मृतक का करवाया था। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। मृतक की माता के बयानों के आधार पर पुलिस ने अब हरप्रीत, राजविन्दर और नरेश कुमार के विरुद्ध धारा-302 के तहत केस दर्ज करके इन्हें गिरफ्तार कर लिया है।