Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 04:42 PM
कांग्रेस द्वारा नगर निगम चुनावों में टिकटों के चाहवानों से आवेदन लेने की बारी आई तो एक रोचक पहलु यह देखने को मिला कि यह काम करने के लिए कांग्रेस कमेटी आफिस की जगह जिला प्रधान गुरप्रीत गोगी के घुमार मंडी स्थित घर के साथ लगते सरकारी पार्क को चुना गया।...
लुधियाना (हितेश): कांग्रेस द्वारा नगर निगम चुनावों में टिकटों के चाहवानों से आवेदन लेने की बारी आई तो एक रोचक पहलु यह देखने को मिला कि यह काम करने के लिए कांग्रेस कमेटी आफिस की जगह जिला प्रधान गुरप्रीत गोगी के घुमार मंडी स्थित घर के साथ लगते सरकारी पार्क को चुना गया। यह जगह दशकों से बैठे रेहड़ी-फड़ी वालों पर कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए बुल्डोजर चलाकर खाली करवाई गई है। जिसे नक्शे में ग्रीन बैल्ट के लिए मार्क होने कारण वहां पार्किंग नहीं बनाई जा सकी और पार्क डिवैल्प किया गया है। जहां वीरवार को कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला, जब सरकारी पार्क में हलका वाइज स्टाल लगाकर उसे कांग्रेस आफिस में बदल दिया गया। इससे पहले भी एक हफ्ते तक चली फार्म देने की प्रक्रिया के दौरान भी कांग्रेस आफिस को अपने प्रधान के दर्शन नहीं हुए थे और न ही किसी पदाधिकारी की ड्यूटी लगाई गई। उनकी जगह यह काम एक प्राइवेट मुलाजिम ने ही किया। अब देखना यह है कि आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद फैसला लेने के लिए स्क्रीङ्क्षनग कमेटी की मीटिंग कहां होती है।
पार्टी में शामिल होने से पहले हेमराज अग्रवाल ने 2 टिकटों पर ठोकी दावेदारी
विधानसभा चुनावों के दौरान आजाद चुनाव लडऩे वाले पूर्व पार्षद हेमराज अग्रवाल की कांग्रेस में वापसी का औपचारिक तौर पर ऐलान होना अभी बाकी है। लेकिन इससे पहले उन्होंने 2 वार्डों में टिकटों के लिए दावेदारी ठोक दी है। जिसमें एक टिकट उत्तरी हलका के वार्ड से अपने लिए और दूसरी बहु के लिए हलका वेस्ट में पड़ते वार्ड से मांगी गई है। इससे पहले पंजाब केसरी द्वारा साफ किया जा चुका है कि हेमराज की घर वापसी को लेकर हाईकमान से हरी झंडी मिल गई है। लेकिन राकेश पांडे की नाराजगी के चलते सांसद रवनीत बिट्टू द्वारा कोई फैसला नहीं लिया जा रहा।
वार्डबंदी को लेकर कोर्ट केस की सुनवाई 22 को
नगर निगम चुनावों के लिए नए सिरे से की गई वार्डबंदी को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेता पहले ही दिन से सवाल उठाते रहे हैं कि नए वार्ड बनाने के लिए बाऊंड्री तय करते समय नियमों का पालन नही किया गया। इसी तरह एक मौहल्लों को 2 वार्डों में बांटने तथा लेडीज या एस.सी. कैटागरी के लिए वार्ड रिजर्व करने की प्रक्रिया में नंबरिंग का खेल करने के आरोप लगाए गए। जबकि बैंस ब्रदर्ज द्वारा वार्डों में आबादी का बंटवारा ठीक से न होने का मुद्दा उठाया जाता रहा है। जिसे लेकर दिए एतराजों पर विचार किए बगैर वार्डबंदी का नोटीफिकेशन जारी होने के खिलाफ बैंस ने कोर्ट की शरण ली। जहां उन्हें पहले अपने आरोपों से जुड़ा रिकार्ड लाने के लिए कहा गया है। यह रिकार्ड न मिलने की जानकारी बैंस ने कोर्ट को दी तो वहां से सरकार को रिकार्ड मुहैया करवाने के आदेश दिए गए हैं। जिसे लेकर सुनवाई 22 जनवरी को होगी। इस दौरान रिकार्ड मुहैया न करवाए जाने की सूरत में अफसरों पर गाज गिर सकती है, क्योंकि डायरैक्टर लोकल बॉडीज व नगर निगम कमिश्नर दोनों द्वारा जारी पत्र में अपने पास रिकार्ड न होने की बात कही गई है।
24 तक दाखिल होंगे एतराज
नगर निगम चुनाव करवाने की प्रक्रिया के तहत विधानसभा चुनावों की वोटर लिस्टों को नए बने वार्डों के हिसाब से बूथ बनाकर बांटने का काम जिला प्रशासन ने पूरा कर दिया है। उसके तहत स्टेट इलैक्शन कमिश्नर द्वारा जारी शैड्यूल के मुताबिक वीरवार को वोटर लिस्टों की ड्राफ्ट पब्लिकेशन कर दी गई। जिस पर लोग 24 जनवरी तक बी.एल.ओ. के पास एतराज दे सकते हैं। जिसमें किसी की गलत बनी वोट कटवाने, वोट में सुधार करवाने व नई वोट बनवाने के पहलु शामिल होंगे। इस काम के लिए पहले ही वार्ड वाइज इलैक्ट्रोल अफसर लगा दिए गए हैं। जिनके द्वारा एतराजों का निपटारा 31 जनवरी तक करके 3 फरवरी को वोटर लिस्टों की फाइनल पब्लिकेशन कर दी जाएगी।