Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 12:35 PM
सरकार द्वारा लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को महानगर की नए सिरे से हुई वार्डबंदी का खाका जारी किया गया तो साथ ही यह चर्चा भी तेज हो गई कि अब नगर निगम के चुनाव कब होंगे। जिसे लेकर विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सारी प्रक्रिया मुकम्मल करने के बाद फरवरी के...
लुधियाना(हितेश): सरकार द्वारा लंबे इंतजार के बाद शुक्रवार को महानगर की नए सिरे से हुई वार्डबंदी का खाका जारी किया गया तो साथ ही यह चर्चा भी तेज हो गई कि अब नगर निगम के चुनाव कब होंगे। जिसे लेकर विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सारी प्रक्रिया मुकम्मल करने के बाद फरवरी के दूसरे हफ्ते में वोटिंग करवाई जाएगी।
अगर नई वार्डबंदी का नक्शा जारी होने से लेकर चुनाव करवाने तक की प्रक्रिया पर नजर दौड़ाई जाए तो पहले चरण में 28 दिसम्बर तक लोगों को एतराज दाखिल करने का मौका दिया गया है। इनमें नए बने वार्डों की बाऊंड्री, उनमें आबादी के बंटवारे सहित रिजर्वेशन को लेकर पहलु शामिल होंगे। उस कैटागरी के एतराजों पर फैसला करके लोकल बॉडीज विभाग द्वारा फाइनल नोटीफिकेशन जारी करने का काम 29 दिसम्बर के बाद अगले 3 दिन में निपटाने की योजना है। जिसे चुनाव करवाने के लिए अगली प्रक्रिया शुरू करने बारे स्टेट इलैक्शन कमिश्नर को भेजा जाएगा।
जानकारों के मुताबिक जिला प्रशासन द्वारा स्पैशल ड्राइव के तहत 20 दिसम्बर तक लिए गए नए आवेदनों से संबंधित वोटर लिस्टों को ही नगर निगम चुनावों के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। लेकिन उन वोटों को नए बने वार्डों व फिर बूथ वाइज बांटने में कुछ समय लगेगा। फिर उन वोटर लिस्टों पर पब्लिक से एतराज मांगने भी जरूरी है। यह काम पूरा होने पर चुनावों का शैड्यूल जारी हो सकता है। जिसके बाद नामांकन दाखिल होने से लेकर चुनाव चिन्ह अलाट की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जरूरी समय निकालने के बाद फरवरी के दूसरे हफ्ते में चुनाव करवाने को लेकर सहमति बनी है।
सड़कें बननी बंद होने के कारण एकाएक लिया चुनाव करवाने का फैसला
भले ही यह कहा जा रहा है कि पंजाब की बाकी नगर निगमों में मिली जीत के माहौल को भुनाने के लिए एकाएक लुधियाना में भी चुनाव करवाने का फैसला किया गया है। लेकिन इसकी बड़ी वजह यह है कि तापमान डाऊन होने के कारण सड़कें बननी बंद हो गई है। जबकि पहले बाकी शहरों से चुनाव लेट करवाने के लिए लुधियाना में विकास कार्य पूरे करवाने का हवाला दिया गया था। यह काम काफी हद तक पूरा हो चुका है तथा अब प्रीमिक्स की सड़कें नहीं बन सकती। जबकि पहले अलाट हो चुके वर्क आर्डर या शुरू हो चुके सीमैंट की गलियां बनाने के काम चुनावी कोड लगने के बाद भी जारी रखे जा सकते हैं।
दूसरे दिन भी नहीं आया कोई एतराज
नई वार्डबंदी पर पब्लिक द्वारा दिए जाने वाले एतराज प्राप्त करने के लिए नगर निगम में सुपरिंटैंडैंट रंजीव कुमार की अगुवाई में टीम बनाई गई है। जिसमें 2 इंस्पैक्टर व 3 क्लर्क भी साथ लगाए गए हैं। यह लगातार दूसरे दिन भी इंतजार करते रहे, लेकिन किसी ने भी एतराज दाखिल नहीं किया।
रिजर्वेशन बदलने पर उठ रहे सवाल
सरकार द्वारा वार्डों की संख्या 75 से बढ़ाकर 95 करने के लिए आबादी व एरिया का अनुपात बराबर करने का हवाला दिया गया है ताकि विकास कार्य करवाने के लिए किसी वार्ड के साथ पक्षपात न हो। लेकिन उस प्रक्रिया में रिजर्वेशन बदलने पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जो वार्ड पहले जनरल या रिजर्व थे। उनमें आबादी तो वही पुरानी ही है, फिर भी उनकी कैटागरी कैसे बदल गई। जबकि रिजर्वेशन के लिए आबादी को आधार बनाया जाता है।