Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 12:11 PM
किसानों की ओर से पराली को आग लगाने के कारण वातावरण में पैदा हो रहा प्रदूषण अब इस हद तक बढ़ गया है कि आज सुबह मालवा पट्टी में धुएं की घनी चादर छा गई जिस कारण वाहन चालकों को सुबह के समय अपने-अपने वाहनों की लाइटें जलाकर अपनी मंजिल तक पहुंचना पड़ा।
मोगा (ग्रोवर): किसानों की ओर से पराली को आग लगाने के कारण वातावरण में पैदा हो रहा प्रदूषण अब इस हद तक बढ़ गया है कि आज सुबह मालवा पट्टी में धुएं की घनी चादर छा गई जिस कारण वाहन चालकों को सुबह के समय अपने-अपने वाहनों की लाइटें जलाकर अपनी मंजिल तक पहुंचना पड़ा।
बताना बनता है कि इस बार पहले-पहले तो पंजाब सरकार तथा प्रशासन ने धान की पराली को आग लगाने से रोकने के लिए बड़े स्तर पर सख्ती की थी लेकिन किसानों द्वारा इस फैसले के विरुद्ध बागी सुर अपनाते हुए देखा-देखी पराली को आग लगाने की शुरू की गई कवायद के चलते अब प्रशासन के सुर भी कुछ नरम पड़ गए हैं। मालवा पट्टी में आज सुबह छाई धुएं की चादर संबंधी वातावरण प्रेमी ङ्क्षचतित नजर आए।
वातावरण प्रेमियों का कहना है कि मानवता की ओर से कुदरत से खिलवाड़ करने के कारण जहां प्रदूषण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है, वहीं मानवीय शरीर को प्रदूषण के कारण अनेकों बीमारियों ने अपनी चपेट में ले लिया है। दिन के समय तो कुछ हद तक वातावरण ठीक रहा लेकिन शाम 5 बजे दोबारा वातावरण में प्रदूषण बढऩे के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो गया। शहर वासी विनोद का कहना था कि पराली का सरकार को कोई ठोस हल निकालना चाहिए जिससे किसानों को भी आसानी हो तथा वातावरण भी दूषित होने से बच सके।
उन्होंने कहा कि शहर के सारे डाक्टरों के पास प्रदूषण के कारण बीमार मरीजों की लाइनें लगी हुई हैं। दूसरी तरफ पता लगा है कि जिला प्रशासन की ओर से रोजाना ही अलग-अलग साधनों से पराली को आग लगाने वाले किसानों की रिपोर्टें तैयार की जाती हैं जिसको आगे कार्रवाई के लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भेजने की योजना है।