मन्ना की नवजोत सिद्धू को राम रहीम की गद्दी पर बैठने की सलाह

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 03:26 PM

manna advised navjot sidhu

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एवं प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने मांग की है कि ईमानदारी की दबंगई का कथित झंडा बुलंद करने वाले स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सबसे पहले भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान अपने घर से शुरू करें, तभी उसके ईमानदार...

अमृतसर(ममता): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एवं प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने मांग की है कि ईमानदारी की दबंगई का कथित झंडा बुलंद करने वाले स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सबसे पहले भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान अपने घर से शुरू करें, तभी उसके ईमानदार होने की सच्चाई दुनिया के सामने साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर करोड़ों की राशि को डकार कर सिद्धू परिवार ने आलीशान महल खड़े किए हैं।

बात-बात पर झूठ के पुलंदे बांधने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को मन्ना ने ज्यादा धार्मिक शिक्षा देने के कारण राम रहीम की गद्दी पर बैठने की सलाह दी है। उन्होने कहा कि वह सबसे पहले अपनी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू के कार्यकाल में उनके विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की जांच करवाकर आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।  उन्होंने आज डा. नवजोत कौर सिद्धू की ओर से विकास कार्यों के लिए जारी हुई राशि में से एक विकास कार्य में हुए लाखों रुपए के घोटाले का सबूतों के साथ मीडिया के समक्ष खुलासा किया। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही वह सबूतों व दस्तावेजों की फाइलों के साथ सिद्धू व उसकी पत्नी की ईमानदारी के सारे मुखौटों को तार-तार कर उनके बनाए सच के महल को दुनिया के सामने नंगा करेंगे।

उन्होंने कहा कि सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर के अमृतसर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में वार्ड-17 में स्थित एक श्मशानघाट की चारदीवारी, पेंट व अन्य विकास कार्यों के लिए 27 लाख 84 हजार रुपए का एक टैंडर 18 जुलाई 2012 को रिलीज हुआ था। इस काम के लिए राशि सिद्धू की पत्नी ने सरकारी फंड से जारी की थी। टैंडर एक गोकल को-आप्रेटिव सोसायटी को जारी किया गया। काम 5 महीने में खत्म करना था। इस सोसायटी ने काम एक महीने में ही 17 अगस्त 2012 को कागजों में खत्म करके दे दिया। यह काम वर्क आर्डर नंबर 4262 था, इस काम का सारा रिकार्ड झूठा ही विभाग की एम.बी. बुक नंबर-840 फर्जी रूप में दर्ज किया गया, जबकि इस जगह पर आज तक एक भी ईंट विकास के नाम पर नहीं लगी है।

विकास राशि पूरी की पूरी डकार ली गई। इस श्मशान घाट पर जो कुछ समय पहले एक गेट लगा है, वह भी क्षेत्र के ही एक हकीम गुरचरण सिंह वैद्य ने दान करके लगवाया है। सरकारी फंड के 27 लाख 84 हजार रुपए बिना कोई काम किए ही डकार लिए गए। यह सोसायटी फर्जी नाम पर एक ऐसा व्यक्ति चलाता है जो नगर सुधार ट्रस्ट के अधिकारियों के आम तौर पर साथ रहता है और नवजोत कौर सिद्धू का अति करीबी होने का दावा कर अफसरशाही पर अपना रोब भी जमाता रहता है। इस विकास कार्य पर एक भी ईंट न लगा कर उक्त सोसायटी ने 27 फरवरी 2013 को 5 लाख 16 हजार 672 रुपए का पहला बिल पास करवा लिया।

इस काम का दूसरा बिल 30 अप्रैल 2013 को 3 लाख 68 हजार 2 सौ 1रुपए का बिल पास करवाया, जबकि इसी काम का 5 लाख 16 हजार 672 रुपए का तीसरा बिल 27 फरवरी 2013 को नगर सुधार ट्रस्ट से पास करवा लिया। यह सब कुछ क्षेत्र की उस समय रही विधायक व संसदीय सचिव डा. नवजोत कौर सिद्धू की नाक के तले हुआ। अगर सिद्धू में जरा भी गैरत है तो सबसे पहले सिद्धू अपनी पत्नी के विधानसभा क्षेत्र में विकास पर पिछले 10 वर्षों में खर्च हुए धन की निष्पक्ष जांच करवा कर व्हाइट पेपर जारी करे। सिद्धू परिवार के घोटाले उजागर करने की प्रक्रिया अब लगातार जारी रहेगी। हम पंजाब के लोकपाल और मुख्यमंंत्री के पास भी सभी घोटालों की लिखित सबूतों के साथ शिकायत लेकर कार्रवाई करवाने के लिए जाएंगे। इस संबंध में नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी पर लगे आरोपों के बारे में जब उनसे संपर्क करना चाहा तो उनके द्वारा फोन न उठाए जाने पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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