Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 11:10 AM
सूफियां चौक स्थित फैक्टरी में आगजनी के बाद बिल्डिंग गिरने के कारण मलबे में दबने के कारण 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों के अवशेष तक न मिलने के मामले में उस समय काफी मार्मिक स्थिति पैदा हो गई। जब प्रशासन द्वारा इन मुलाजिमों को मृत डिक्लेयर करने के इंतजार में...
लुधियाना(हितेश): सूफियां चौक स्थित फैक्टरी में आगजनी के बाद बिल्डिंग गिरने के कारण मलबे में दबने के कारण 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों के अवशेष तक न मिलने के मामले में उस समय काफी मार्मिक स्थिति पैदा हो गई। जब प्रशासन द्वारा इन मुलाजिमों को मृत डिक्लेयर करने के इंतजार में परिवारों को उनकी अंतिम अरदास करने को मजबूर होना पड़ रहा है।इस मामले में 20 नवम्बर को प्लास्टिक फैक्टरी में आग लगने की घटना के कुछ देर बाद पूरी बिल्डिंग मलबे के ढेर में तबदील हो गई थी। इस कारण बचाव कार्यों में लगे फायर ब्रिगेड कर्मी व दूसरे लोग अंदर ही फंसे रह गए जिनमें से सिर्फ 2 को ही बचाया जा सका। लेकिन भावाधस नेता लक्ष्मण द्रविड़, 6 फायर ब्रिगेड कर्मियों सहित 13 लोगों के शव बरामद हुए। जबकि 3 अन्य फायर ब्रिगेड कर्मियों की तलाश में एक हफ्ते तक मलबा हटाने की मुहिम चलानी पड़ी।
3 फायर ब्रिगेड कर्मियों को किया मृत डिक्लेयर
इसके बावजूद लापता फायर ब्रिगेड कर्मियों का कोई सुराग नहीं लगा और बकायदा डी.सी., पुलिस व नगर निगम कमिश्नर ने इसका ऐलान किया। लेकिन इतने दिन बीतने के बाद भी उक्त 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों को मृत डिक्लेयर नहीं किया गया। जिनके परिवार पहले तो मौके पर ही बिलख रहे थे कि उनको परिजनों की अस्थियां ही दे दी जाएं, ताकि उनके मृत होने की पुष्टि हो सके और अब वे डैथ सर्टीफिकेट लेने के लिए लगातार अफसरों के पास चक्कर लगा रहे हैं।इसी बीच प्रशासन से पहले परिवारों ने अपने परिजनों को मृत मान लिया है और धार्मिक रीति-रिवाजों के मुताबिक दिन निकलने के कारण उनकी अंतिम अरदास को मजबूर हो रहे हैं। उनका दर्द यह भी है कि उनके परिवारों का सहारा तो खत्म हो गया है और आगे गुजारा चलाने के लिए सी.एम. द्वारा घोषित की गई नौकरी या मुआवजा मिलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही, क्योंकि डैथ सर्टीफिकेट के बिना ये सुविधाएं देने से नगर निगम ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
यह अपनाई जा रही है प्रक्रिया
सूत्रों के मुताबिक इतने दिन बीतने को लेकर बढ़ते दबाव के बीच 3 फायर ब्रिगेड कर्मियों को डैथ डिक्लेयर करने की प्रक्रिया विभागीय लेवल पर तेज कर दी गई है। इसके तहत पुलिस ने जो पैटर्न अपनाया है, उसमें पहले फायर ब्रिगेड अफसरों से उक्त कर्मियों को घटना वाले दिन ड्यूटी पर भेजने व मौके पर मौजूद होने बारे बयान लिए गए हैं। इसके साथ ही मौके की कुछ फोटोज को भी आधार बनाया गया है, जिसमें यह फायर ब्रिगेड कर्मी आग बुझाते नजर आ रहे हैं। फिर बचाव टीम से मलबे से कोई अवशेष न मिलने की स्टेटमैंट ली गई है और इसी तरह परिजनों से भी फायर ब्रिगेड कर्मियों के न मिलने की अंडरटेकिंग ली गई है। इसके आधार पर प्रशासन द्वारा उन्हें डैथ डिक्लेयर करने की रिपोर्ट बनाकर नगर निगम को सर्टीफिकेट जारी करने के लिए लिखा जाएगा।