Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 04:51 PM
पूरे प्रदेश में पंजाब सरकार के नाम से लॉटरियों के स्टाल लगे हुए हैं, परंतु फिल्लौर सब-डिवीजन में पंजाब सरकार की लॉटरी की आड़ में गैर-कानूनी तौर पर पुलिस के नाक नीचे खुलकर दड़े-सट्टे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। ज्यादातर गरीब या फिर बड़े...
फिल्लौर (भाखड़ी): पूरे प्रदेश में पंजाब सरकार के नाम से लॉटरियों के स्टाल लगे हुए हैं, परंतु फिल्लौर सब-डिवीजन में पंजाब सरकार की लॉटरी की आड़ में गैर-कानूनी तौर पर पुलिस के नाक नीचे खुलकर दड़े-सट्टे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। ज्यादातर गरीब या फिर बड़े घरों के बिगडैल बच्चे होते हैं। महंगाई के दौर में जहां घर का खर्च चलाना आम इंसान के लिए मुश्किल है। जो इन लॉटरी की दुकानों में पहुंचकर वहां सबकुछ गवां कर खाली हाथ घर वापस लौट जाते हैं।
कैसे दिया जाता है इस गोरखधंधे को अंजाम:सूत्रों के अनुसार पहले लॉटरी के स्टालों पर पूरे पंजाब में हर 15 मिनट बाद कम्प्यूटर के माध्यम से शो निकलता था जिसका एक ही नंबर होता था। फिल्लौर में मिलीभगत से ज्यादातर स्टालों पर अलग-अलग नंबर निकल रहे हैं। जिससे रोजाना इन दुकानों पर लॉटरी खेलने वालों का अक्सर कारिंदों के साथ झगड़े हो रहे हैं।दूसरा इन स्टालों पर कोई भी दुकानदार कम्प्यूटर से पर्ची न निकालकर हाथ से पर्ची लिखकर हाथ में थमा देता है और पूरे रुपए अपनी जेब में डाल लेता है। छोटे से गांव अपरा में ऐसी लॉटरी की 6 दुकानें हैं जिनके पास एक भी कम्प्यूटर नहीं है और वह सरेआम प्रशासन के नाक तले पर्ची लगा रहे हैं। इस लूट में कौन कैसे है शामिल:इस 2 नंबर के कारोबार का हिस्सा रहे सूत्र ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि किस प्रकार आम जनता का पैसा इन लॉटरी स्टालों के माध्यम से पुलिस व नेताओं की जेब में पहुंच रहा है।
उसने बताया कि फिल्लौर में कुल 17 लॉटरी के स्टाल हैं, जहां से कांग्रेस पार्टी के नेता का कारिंदा पहले प्रति स्टाल हर माह 10 हजार रुपए लेता था, बाद में यह बगार बढ़कर 12,000 रुपए हो गई। पिछले सप्ताह जब डी.एस.पी. ने इस अवैध कारोबार को बंद करवाया तो 3 दिन बाद यह कारोबार दुकानों में फिर जम गया। इसी प्रकार कस्बा अपरा की 6 दुकानों से पुलिस व नेताओं के नाम पर सवा लाख रुपए प्रति माह वसूला जा रहा है, जबकि सी.आई.ए. स्टाफ जालंधर के नाम से उक्त दुकानदार 2 हजार रुपए अलग से दे रहे हैं।