Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Nov, 2017 11:42 AM
हलका धर्मकोट की दाना मंडी में नमी वाले धान की आड़ में किसानों की दिन-दिहाड़े हो रही लूट का मामला सामने आया है।
भिंडर कलां (मोगा)(ग्रोवर): हलका धर्मकोट की दाना मंडी में नमी वाले धान की आड़ में किसानों की दिन-दिहाड़े हो रही लूट का मामला सामने आया है।
दरअसल पिछले 15 दिनों से किसानों की नमी वाले धान को तुरंत बेचने के लिए प्रति क्टविंल 4 किलो तक काट का मामला भिंडर कलां की दाना मंडी से संबंधित किसानों ने मार्कीट कमेटी तथा अनाज के भाव लगाने वाले पनग्रेन के अधिकारियों के ध्यान में भी लाया है लेकिन सरेआम हो रही किसानों की यह लूट जब बंद न हुई तो किसानों ने आज भाकियू (एकता) के एजैंडे में मार्कीट कमेटी के अधिकारियों तथा पंजाब सरकार के विरुद्ध जबरदस्त रोष प्रदर्शन किया।किसान नेताओं का आरोप था कि इस मामले संबंधी हलका विधायक को भी अवगत करवाया गया था लेकिन फिर भी किसानों की यह लूट बंद होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है।
मार्कीट कमेटी व खरीद एजैंसी के अधिकारियों ने नहीं किया मंडी का दौरा : किसान
‘पंजाब केसरी’ की टीम द्वारा आज जब भिंडर कलां की दाना मंडी का दौरा कर किसानों को इस लूट संबंधी पूछा गया तो मंडी में बैठे किसान इस मामले पर खुलकर बोलने लगे। किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी में प्रबंध सही क्या होने हैं, न तो कथित तौर पर मार्कीट कमेटी तथा न ही खरीद एजैंसी के अधिकारियों ने कभी मंडी का दौरा किया है। भारतीय किसान यूनियन (एकता) के इकाई अध्यक्ष गुरचरन सिंह का कहना था कि पहले तो सरकार ने किसानों को धान लेट लगाने की हिदायतें दी हैं तथा अब जब धान में नमी ज्यादा आ रही है तो इसमें किसानों का क्या दोष है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आढ़तियों से जब नमी वाले धान की आड़ में किसानों से प्रति क्विंटल 1 से 4 किलो तक काट संबंधी पूछा जाता है तो उनका इस मामले पर एक ही जवाब है कि शैलर मालिक हमसे काट मांगते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ही लडख़ड़ाई आॢथकता का सामना कर रहे किसानों की इस समस्या के हल के लिए पंजाब की कैप्टन सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। भिंडर कलां की अनाज मंडी में 50 प्रतिशत से अधिक किसान ने काट काटकर अपना धान बेचा है।
सूत्रों का कहना है कि अन्य मंडियों में तो किसानों की फसल मंडी के गेट से ही नमी जांच करके आगे जाती है लेकिन इस मंडी में इस तरह का सारा काम आखिरकार क्या अधिकारियों की सहमति से ही हो रहा है। इस दौरान मंडी के आढ़तियों ने कहा कि शैलर मालिकों द्वारा आगे गाडिय़ां लगाने के समय काट मांगी जाती है।
8 दिन हो गए मंडी में बैठे अब मांगते हैं काट : लाल सिंह
किसान लाल सिंह का कहना था कि वह 8 दिनों से अपनी फसल बेचने के लिए मंडी में बैठे हैं लेकिन अब उनसे कथित तौर पर 3 से 4 किलो तक काट (हिस्सा) मांगी जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले ही आॢथक मंदहाली का सामना कर रहे किसान काट नहीं दे सकते।
मॉइस्चर मशीन द्वारा किसानों के सामने की जाएगी नमी की जांच : कुलविन्द्र सिंह
किसान कुलविन्द्र सिंह का कहना था कि मॉइस्चर मशीन द्वारा किसानों के सामने जांच ही नहीं हो रही। किसान 10-10 दिनों से मंडी में बैठे हैं लेकिन फसल नहीं बिक रही, जिस कारण किसानों की गेहंू की बिजाई लेट हो रही है। उन्होंने कहा कि धान को बेचने दौरान इतना बुरा हाल पहली बार देखा है।