Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 01:05 PM
नवम्बर माह से लेकर बसंत पंचमी तक जिला पठानकोट में पतंगबाजी का सीजन अपने पूरे यौवन पर होने के चलते सिंथैटिक (चाइनीज) डोर की चोरी-छिपे बिक्री शुरू हो जाती है।
पठानकोट(आदित्य): नवम्बर माह से लेकर बसंत पंचमी तक जिला पठानकोट में पतंगबाजी का सीजन अपने पूरे यौवन पर होने के चलते सिंथैटिक (चाइनीज) डोर की चोरी-छिपे बिक्री शुरू हो जाती है।
गौरतलब है कि पर्यावरण प्रेमियों, धार्मिक संगठनों व समाजसेवी संस्थाओं की ओर से चाइनीज डोर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की अपील करने तथा कई बेगुनाह लोगों की जान जाने और गंभीर रूप से जख्मी होने के मामलों को गंभीरता से लेते हुए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने चाइनीज डोर के निर्माण पर बैन लगा दिया है।
इसी के चलते जिला पठानकोट में भी जिला उपायुक्त की ओर से इस डोरकी बिक्री व इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है। लेकिन प्रतिबंध के बावजूद उक्त डोर को चोरी-छिपे बेचने हेतु बाहरी राज्यों यू,पी., दिल्ली व जम्मू-कश्मीर से मंगवाकर दुकानदारों द्वारा अपना धंधा चलाया जा रहा है।
कई लोगों की ले चुकी है जान
चाइनीज डोर अब तक कई लोगों की जान ले चुकी है, वहीं पशु-पक्षी भी इस खूनी डोर की चपेट में आकर जख्मी होते हैं तथा कई मर भी जाते हैं। चाइनीज डोर की चपेट में आए पेड़ों व तारों पर लटकते पक्षी ऐसे लगते हैं जैसे किसी ने उन्हें फांसी पर लटका दिया हो।
विक्रेता प्राइवेट ट्रक व बसों के मालिकों से मिलीभगत कर मंगवा रहे चाइनीज डोरबाहरी राज्यों से आने वाले ट्रकों व बसों के जरिए चोरी-छिपे मंगवाई जा रही चाइनीज डोर की बिक्री को लेकर नया पहलू सामने आया है कि यहां पुलिस प्रशासन व स्थानीय प्रशासन की ओर से सख्ती किए जाने के चलते विक्रेता इस डोर को बाहरी राज्यों से प्राइवेट ट्रकों व बसों के मालिकों के साथ मिलीभगत कर मंगवा रहे हैं ताकि किसी को शक न हो।
चाइनीज डोर ने परम्परागत अमृतसरी माझा डोर लगाने वालों की छीनी रोजी-रोटी
चाइनीज डोर की वजह से कई घरों की रोटी-रोजी छिन चुकी है। पहले विभिन्न स्थानों पर अड्डा लगाकर कच्चे धागे से डोर बनाने वाले दिखाई देते थे तथा दर्जनों युवक व बच्चे हाथों में नट (धागा) लिए डोर लगाने हेतु खड़े रहते थे जिसके चलते कुछ माह में ही उक्त माझा लगाने वाले अपने वर्ष भर की कमाई कर लेते थे। लेकिन अब इस चाइनीज डोर ने उक्त लोगों की रोजी-रोटी छीन ली है। परम्परागत डोर बेचने वाले कारोबारी अपना धंधा चौपट होने के चलते काफी मंदी के दौर से गुजर रहे हैं।