कराटे खिलाड़ी की बहन ने बयां किया दर्द, अपमान सहन नहीं कर सकी कुलदीप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 05:03 PM

judo player suicide

आत्महत्या करने वाली अंतर्राष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी की बहन बलवीर कौर निवासी गुज्जरपुरा जिला गुरदासपुर ने कहा कि कुलदीप कौर की आत्महत्या कानून व्यवस्था के मुंह पर करारा थप्पड़ है। कांग्रेसियों के कहर बारे उन्होंने पहले सुना जरूर था परन्तु पिछले 8 माह के...

अमृतसर(ममता): आत्महत्या करने वाली अंतर्राष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी की बहन बलवीर कौर निवासी गुज्जरपुरा जिला गुरदासपुर ने कहा कि कुलदीप कौर की आत्महत्या कानून व्यवस्था के मुंह पर करारा थप्पड़ है। कांग्रेसियों के कहर बारे उन्होंने पहले सुना जरूर था परन्तु पिछले 8 माह के दौरान इस क्रूरता को देख भी लिया है। आरोपियों को कांग्रेसी नेताओं की शह और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत कारण इंसाफ न मिलता देख उसकी बहन आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुई। पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी समझ कर ड्यूटी नहीं निभाई। 

केस की पैरवी के लिए किया 13 हजार कि.मी. सफर
केस की पैरवी के लिए उसने 70 दिन सड़क पर गुजारे और 13 हजार कि.मी. का सफर किया। उस की मां कैंसर की मरीज है और पिता पैरालाइज से पीड़ित है। उसका भाई सेना में है जो अरुणाचल प्रदेश में तैनात है और परिवार में कुछ और बच्चे भी हैं, उन्हें भी निशाना बनाया गया। कांग्रेस ने उनके हंसते-बसते परिवार को बुरी तरह तबाह कर कर रख दिया है। 

मंत्री तृप्त राजिन्द्र बाजवा और एस.एच.ओ. से लेकर डी.जी.पी. तक ने कोई सुनवाई तो क्या करनी थी, उलटे  उन्होंने आरोपी कांग्रेसी वर्करों का साथ दिया और उनकी कानूनी ढाल बने रहे। गांव के ही कुछ कांग्रेसियों जिन्होंने उनकी कुछ जमीन पर अवैध कब्जा किया है, अब वे अन्य जमीन पर कब्जा करना चाहते थे। उनको 5 मई 2017 से लगातार धमकियां मिल रही थीं, जिस बारे पुलिस अधिकारियों को दर्जनों बार आवेदन दिया गया परन्तु राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

मंत्री पर लगाए पार्टी का साथ देने के आरोप
बलवीर कौर ने 24 अक्तूबर की पंजाब सिविल सचिवालय के गेट पास दिखाते बताया कि हमने कांग्रेसियों की ज्यादतियों को ले कर मंत्री तृप्त बाजवा के साथ मुलाकात की जिस दौरान बाजवा ने इंसाफ दिलाना तो दूर बल्कि ‘मैं तो अपनी पार्टी का ही साथ दूंगा’ कह कर वापस भेज दिया। 26 अक्तूबर शाम 5.30 बजे कांग्रेसी अजायब सिंह, प्रगट सिंह, प्रीतम सिंह, करम सिंह कुलवंत सिंह आदि दर्जनों व्यक्तियों ने मंत्री बाजवा और कांग्रेसी नेता बलविन्दर बिल्ला कोटला बामा की शह पर उनके परिवार पर हमला कर दिया। 

पुलिस ने किया उलटा पीड़ितों पर केस दर्ज
उसकी माता सुखविन्दर कौर जो कैंसर से पीड़ित हैं, पर आधा घंटा ट्रैक्टर चढ़ाए रखा और चोटें मारीं। एम.एल.आर. के अनुसार उसे 13 व बहन कुलदीप कौर को 6 चोटें लगीं। बेआसरा भांजी को भी झूठे केस में फंसा दिया गया। डाक्टरों ने अनफिट को फिट करार देकर जबरन छुट्टी कर दी। आरोपियों पर कार्रवाई करने की जगह पुलिस थाना घनिएके बांगड़ के प्रमुख परमजीत सिंह और डी.एस.पी. फतेहगढ़ चूडिय़ां रवीन्द्र कुमार ने उलटा उस के परिवार पर क्रॉस केस दर्ज कर दिया व कुलदीप की इज्जत पर भी हाथ डाला। मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया परन्तु आरोपियों को नहीं पकड़ा। 

उसका सैनिक भाई सतवंत सिंह छुट्टी ले कर पुलिस अधिकारियों के आगे इंसाफ के लिए गिड़गिड़ाता रहा। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने पर उसकी बहन कुलदीप कौर अपनी बेइज्जती सहन न कर सकी और अपनी जान दे दी। जब तक वह कातिलों को सलाखों के पीछे नहीं पहुंचा देती, चैन से नहीं बैठेगी। उन्होंने सरकार से इंसाफ की गुहार लगाई है। इस मौके अजैबीरपाल सिंह रंधावा, शिरोमणि समिति मैंबर कुलवंत सिंह गुज्जरपुरा, गुरजीत सिंह बिजलीवाल और सरचांद सिंह आदि मौजूद थे। 

अकाली दल ने उठाई आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
उधर अकाली दल ने कांग्रेसी मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा से इस्तीफा लेने और उस समेत कांग्रेस के पूर्व चेयरमैन बलविन्दर सिंह बिल्ला कोटला बामा और अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार करने की सरकार से मांग की है। 

अकाली दल के नेता वीर सिंह लोपोके, हरमीत सिंह संधू, दलबीर सिंह वेरका, मलकीत सिंह ए.आर. (सभी पूर्व विधायक), शहरी प्रधान गुरप्रताप सिंह टिक्का, यूथ विंग के प्रधान रवि करन सिंह काहलों, महासचिव तलबीर सिंह गिल और शिरोमणि समिति मैंबर गुरिन्द्रपाल सिंह लाली रणिके ने आज कराटे खिलाड़ी कुलदीप कौर की बहन बलवीर कौर जो कि पंजाब यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा है, की मौजूदगी में एक सुर में कहा कि अकाली दल पीड़ित परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़ा है, अगर आरोपी के विरुद्ध तुरंत कार्रवाई न की गई तो पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल की हिदायत पर इंसाफ के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने अफसोस के साथ कहा कि देश के लिए खेल के मैदान और सरहद पर लड़ाई लडऩे वाले परिवार के मैंबर सत्ताधारी पार्टी और पुलिस अधिकारियों की धक्केशाही से हार गए हैं। उन्होंने दुखी मन से बताया कि जिस घर से 8 जनवरी को बड़ी बहन की डोली उठनी थी, आज उस घर में मातम छाया हुआ है।

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