Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Dec, 2017 10:44 AM
जालंधर-पठानकोट रेल सैक्शन पर मीरथल-भंगाला के बीच ब्यास दरिया पर बनाए गए 670 मीटर लंबे पुल से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ गई है। मंडल अधिकारियों के मुताबिक यह पुल बनने से जालंधर कैंट-जम्मू के बीच आने-जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढऩे के अलावा सफर की अवधि...
जालंधर(गुलशन): जालंधर-पठानकोट रेल सैक्शन पर मीरथल-भंगाला के बीच ब्यास दरिया पर बनाए गए 670 मीटर लंबे पुल से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ गई है। मंडल अधिकारियों के मुताबिक यह पुल बनने से जालंधर कैंट-जम्मू के बीच आने-जाने वाली ट्रेनों की रफ्तार बढऩे के अलावा सफर की अवधि भी घटेगी। उन्होंने बताया कि पहले मीरथल-भंगाला के बीच सिंगल रेल लाइन होने के कारण एक ट्रेन के आने पर दूसरी ओर से आ रही ट्रेन को रोकना पड़ता था। इससे समय की काफी बर्बादी होती थी। अब इस नए पुल के निर्माण और रेल लाइन डबल होने से अप और डाऊन साइड की ट्रेनों को रोकने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे जहां समय की बचत होगी, वहीं हादसों की गुंजाइश भी काफी कम हो जाएगी।
प्रोजैक्ट पर 60 करोड़ की आई लागत
रेलवे सूत्रों के मुताबिक इस पुल के निर्माण और नई रेल लाइन बिछाने पर करीब 60 करोड़ रुपए की लागत आई है। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अलावा कंस्ट्रक्शन और ब्रिज वर्कशॉप पर इस सारे काम की जिम्मेदारी थी। पिछले दिनों कमिश्नर रेलवे सेफ्टी द्वारा इस पुल का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के बाद नॉन-इंटरलॉकिंग का काम करके पुल को चालू कर दिया गया।
पुल पर लगे 670 मीटर के 14 स्पैन
मीरथल-भंगाला के बीच ब्यास दरिया पर बने इस पुल पर लोहे के 14 स्पैन लगाए गए हैं। एक स्पैन की लंबाई 670 मीटर है। इसके अलावा 3 किलोमीटर नई रेल लाइन भी बिछाई गई है। नई रेल लाइन बिछाकर ट्रैक को डबल किया गया है। इस सारे काम को पूरा करने में 3 साल का समय लगा है। अधिकारियों ने बताया कि इस बहुप्रतीक्षित प्रोजैक्ट को पूरा करके रेलवे ने बड़ी सफलता दर्ज की है।