Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 10:02 PM
विजीलैंस विभाग ने चहेड़ू के पास एक अवैध बन रहे पी.जी. के मालिक से उसका नोटिस फाइल करने के नाम पर 30,000 रुपए रिश्वत लेते जालंधर डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के एस.डी.ओ. (ई.) अशोक कुमार को गिरफ्तार किया है। ....
जालन्धर(बुलंद): विजीलैंस विभाग ने चहेड़ू के पास एक अवैध बन रहे पी.जी. के मालिक से उसका नोटिस फाइल करने के नाम पर 30,000 रुपए रिश्वत लेते जालंधर डिवैल्पमैंट अथॉरिटी के एस.डी.ओ. (ई.) अशोक कुमार को गिरफ्तार किया है।
किस बात के लिए मांगी थी रिश्वत
असल में लंबे समय से पुडा और जे.डी.ए. में बड़े अधिकारियों की नाक तले विभागीय कर्मचारी ऐसा गोरखधंधा चला रहे हैं जिससे विभाग को मिलने वाला करोड़ों रुपए का रैवेन्यू सीधा कर्मचारियों की जेबों में रिश्वत के रूप में जा रहा है। जे.डी.ए. और पुडा के कर्मचारियों की तरफ से रिश्वत लेने के चलते ही चहेड़ू व इसके आसपास के गांवों में सैंकड़ों अवैध पी.जी. बन चुके हैं। नियमानुसार पी.जी. कमॢशयल प्रापर्टी में आता है जिसके लिए पुडा से चेंज ऑफ लैंड यूज करवाना अनिवार्य है पर विभागीय कर्मचारियों की मिलीभुगत से अनेकों पी.जी. चहेड़ू और इसके आसपास के इलाकों में बन चुके हैं जिन्होंने सी.एल.यू. नहीं करवाया। इसके बदले कर्मचारियों ने करोड़ों रुपए रिश्वत लेकर इन पी.जी. पर कोई कार्रवाई नहीं की।
आज भी एक अवैध बन रहे पी.जी. के लिए एस.डी.ओ. अशोक कुमार रिश्वत लेने पी.जी. मालिक बिशनपाल के पास पहुंचा था। पी.जी. मालिक को इस अवैध पी.जी. के लिए जे.डी.ए. ने नोटिस जारी किया हुआ था। इस नोटिस को फाइल करने के नाम पर एस.डी.ओ. द्वारा 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी पर 30 हजार में डील हुई। इस बारे बिशनपाल ने विजीलैंस को सूचना दी और आज जब अशोक कुमार 30 हजार रुपए लेने बिशनपाल के चहेड़ू ऑफिस पहुंचा तो विजीलैंस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया। उस पर प्रोबैशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत विजीलैंस थाने में केस दर्ज किया गया है। कल उसे अदालत में पेश किया जाएगा।
घंटों चलती रही एस.डी.ओ. अशोक के दफ्तर और घर पर चैकिंग
विजीलैंस ने जैसे ही एस.डी.ओ. अशोक को चहेड़ू से गिरफ्तार किया वैसे ही 2 अलग-अलग टीमों ने अशोक के दफ्तर व घर पर भी रेड की। दर्जन भर विजीलैंस कर्मचारी डी.एस.पी. सतपाल की अगुवाई में पुडा काम्प्लैक्स स्थित अशोक के दफ्तर पहुंचे और उसकी अलमारियों व फाइलों की चैकिंग करते रहे। इसके साथ ही एक टीम डी.एस.पी. विजीलैंस कपूरथला कर्मवीर सिंह की अगुवाई में अशोक के गांव अलावलपुर स्थित घर पर रेड करने भी पहुंची और वहां भी काफी समय तक चैकिंग चलती रही। इस मौके पर अशोक के ऑफिस से विजीलैंस टीम ने काफी फाइलें व एक लैपटॉप अपने कब्जे में लिया। इसके बाद देर शाम अशोक को एस.एस.पी. विजीलैंस दलजिंद्र सिंह ढिल्लों के समक्ष पेश किया गया।
खाली हुआ पुडा दफ्तर, बंद हुए कर्मचारियों के फोन
विजीलैंस टीम ने अशोक को गिरफ्तार करने के बाद जैसे ही पुडा दफ्तर में उसके कमरे की जांच के लिए विभाग में एंट्री की वैसे ही विभाग के सारे कर्मचारी दफ्तर छोड़कर बाहर चले गए और कइयों ने तो अपने फोन तक बंद कर दिए। विभागीय कर्मचारियों को यह लगा कि जैसे पुडा दफ्तर में ही विजीलैंस ने रेड कर दी है। सब दफ्तर छोड़ कर भागते दिखे। आखिर जब यह बात सामने आई कि विभाग का एक एस.डी.ओ. विजीलैंस के हत्थे चढ़ा है, तब कहीं जाकर सबको चैन की सांस आई।
रिटायर व एक्सटैंशन वाले कर्मचारी भी विजीलैंस की रडार पर
सूत्रों के अनुसार आज से पहले विजीलैंस ने कभी जे.डी.ए. पर कोई कार्रवाई नहीं की पर अब विजीलैंस की रडार पर पुडा और जे.डी.ए. के कई ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम हैं जिन्होंने विभाग में रहकर रिश्वत के करोड़ों रुपए कमाए और कई बेनामी सम्पत्तियां भी बनाई हैं। इनमें से कई चाहे रिटायर हो चुके हैं या एक्सटैंशन लेकर विभाग में काम करते रहे हैं अगर इनके खिलाफ विजीलैंस की जांच में कोई भी पहलू सामने आता है तो उन रिटायर कर्मचारियों व बाबुओं पर भी विजीलैंस शिकंजा कस सकती है। एस.एस.पी. ने कहा कि विजीलैंस सारे केसों की तकनीकी तरीके से जांच कर रही है और अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है जिसमें रिटायर या छुट्टी पर गया कोई कर्मचारी शामिल पाया जाता है तो उसे भी जांच का हिस्सा बनाया जाएगा।
जे.डी.ए. के कई केसों पर है विजीलैंस की नजर, गहनता से होगी जांच: ढिल्लों
इस मौके पर एस.एस.पी. विजीलैंस दलजिंद्र सिंह ढिल्लों ने कहा कि पुडा और जे.डी.ए. में चल रहे गोलमाल पर विभाग की पैनी नजर है। कई केस ऐसे हैं जो विजीलैंस की नजर में हैं जिनकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि विभाग के कर्मचारी चेंज ऑफ लैंड यूज के नाम पर बिल्डरों से सैटिंग करके अपने प्राइवेट करिंदों के जरिए रिश्वत लेते हैं, ऐसी जानकारियां उन्हें मिलती रहती हैं, पर आज एस.डी.ओ. रिश्वत लेते पकड़ा गया है। उसका काफी रिकार्ड जब्त किया गया है जिसकी जांच की जाएगी। साथ ही विभाग द्वारा बिल्डरों व कालोनाइजरों को भेजे गए नोटिसों की भी जांच की जाएगी।