मेयर को सूझते नहीं सूझा कोई जवाब, फिर जमकर बरसे  उद्योगपति

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 01:38 PM

industrialist protest against mayor

फगवाड़ा नगर निगम में वीरवार को भाजपा मेयर अरुण खोसला तब भारी मुश्कि लों में घिर गए जब शहर के प्रमुख उद्योगपतियों ने सीधे तौर पर उनसे पूछा कि फगवाड़ा की बदहाल व्यवस्था को लेकर बतौर मेयर वह क्या कर रहे हैं?

फगवाड़ा(जलोटा): फगवाड़ा नगर निगम में वीरवार को भाजपा मेयर अरुण खोसला तब भारी मुश्कि लों में घिर गए जब शहर के प्रमुख उद्योगपतियों ने सीधे तौर पर उनसे पूछा कि फगवाड़ा की बदहाल व्यवस्था को लेकर बतौर मेयर वह क्या कर रहे हैं?

 विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों व शहर के नामी उद्योगपतियों ने एक के बाद एक कर मेयर खोसला से ऐसे तीखे सवाल किए कि मेयर सिवाय आश्वासन के कुछ भी ठोस कह नहीं सके, या यूं कह लें कि मेयर को सूझते नहीं सूझा कोई ढंग का जवाब। वह बस यही दोहराते रहे कि आप मुझे 7 दिन का समय दें, मैं खुद शहर में हुए अवैध कब्जों को निगम अमले को आदेश देकर ध्वस्त करवाऊंगा,लेकिन हालात तब बेहद रोचक हो गए जब फगवाड़ा के नामी उद्योगपति सहदेव चौहान ने सीधे तौर पर मेयर खोसला से सवाल किया कि वह फगवाड़ा की सबसे पॉश कालोनी गुरु हरगोबिन्द नगर के इलाके का खुद दौरा करके देखें कि हालात किस हद तक खराब हो चुके हैं। चौहान ने गुस्से भरे लहजे में मेयर खोसला से पूछा कि आप विकास, विकास और सिर्फ विकास के दावे करते नहीं थकते हैं, कहां हुआ है विकास? मेयर साहिब आप सिवाय दावों के कुछ नहीं कर रहे हैं। 

भाजपा विधायक सोम प्रकाश कैंथ के घर के आसपास सरकारी स्ट्रीट लाइटें अर्से से बंद
इस पर मेयर खोसला ने हालात को संभाल कर उद्योगपतियों को शांत करने की भरपूर कोशिशें कीं लेकिन हालात तब बेहद हास्यप्रद हो गए जब फगवाड़ा के जाने-माने उद्योगपति व समाजसेवी पंकज गौतम ने सीधे मेयर से सवाल पूछा कि क्या आपको पता है कि फगवाड़ा के भाजपा विधायक सोम प्रकाश कैंथ के अर्बन एस्टेट को जाते प्रमुख रास्ते व स्वयं उनके घर के आसपास सरकारी स्ट्रीट लाइटें अर्से से बंद पड़ी हैं? गौतम ने मेयर से पूछा कि वह बताएं कि ऐसी बदहाल व्यवस्था क्यों है? इस प्रश्र का मेयर खोसला को जवाब ढूंढते नहीं मिला। 

इंडस्ट्रीयल एरिया में अवैध कब्जों की भरमार
इसके पश्चात इंडस्ट्रीयल एरिया से संबंधित उद्योगपतियों ने मेयर खोसला से सवाल किए कि उनके इलाके में खुलेआम बेशकीमती सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जे हुए हैं और यह दौर निरंतर जारी है। इसे लेकर निगम क्या कर रही है और जो लोग अवैध कब्जे करने के आदी हो चुके हैं, उनके विरुद्ध निगम द्वारा ठोस सरकारी कार्रवाइयां क्यों नहीं हो रही हैं। ओम उप्पल, एच.एस. भमरा (पूर्व पार्षद), सुरिन्द्र चावला, पंकज गौतम, अशोक गुप्ता, सुदेश शर्मा, मुखिन्द्र सिंह, जी.एस. बत्तरा, गुलशन मनचंदा सहित अन्य उद्योगपतियों ने कहा कि निगम जल्द से जल्द इंडस्ट्रीयल एरिया को अवैध कब्जों से मुक्त करे।


उन्होंने कहा कि हद तो यह हो गई है कि आज इस इलाके की पुरानी अपरोज रोड जो यहां का प्रदेश द्वार है, का अस्तित्व ही अवैध कब्जों के कारण समाप्त हो गया है। इसके चलते फगवाड़ा के प्रमुख इंडस्ट्रीयल एरिये की हालत यह है कि यहां पर न तो स्ट्रीट लाइट व्यवस्था है और न ही अच्छी सड़कें। बाकी जो सरकारी जगह बची है वहां पर अवैध कब्जों की भरमार है और चारों तरफ गंदगी की भरमार है। यह हालात तब हैं जब इस इलाके में प्रमुख एक्सपोर्ट हाऊस व बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं और यहीं से निगम को सबसे ज् यादा प्रॉपर्टी टैक्स प्राप्त होता है। 

 मुझे सिर्फ 7 दिनों का समय दें : मेयर अरुण खोसला
उद्योगपतियों ने कहा कि वे सब परेशान हैं क्योंकि सरकारी स्तर पर निगम कुछ करती नहीं है और उनकी कोई सुनवाई हो नहीं रही है। वे कहां जाएं? इन प्रश्रों को सुनने के बाद मेयर अरुण खोसला ने फिर कहा कि मुझे सिर्फ 7 दिनों का समय दें। इसके बाद इलाके की हर समस्या का समाधान हो जाएगा। हालांकि हालात की सच्चाई यह भी रही कि जब मेयर खोसला से पत्रकारों ने यह पूछा कि आपके पास उक्त समस्याओं के समाधान करने हेतु क्या ठोस प्लानिंग है, इस पर मेयर सिवाय दावों के कुछ भी ज्यादा कह नहीं सके और वह निरंतर यही दोहराते रहे कि हालात जल्द ठीक कर दिए जाएंगे। 

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