Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 08:26 AM
एक तरफ जहां खेती, व्यापार समेत हर क्षेत्र के समूचे कारोबार में आई कमी कारण आम लोगों का घरेलू बजट उलझ कर रह गया है, वहीं दूसरी तरफ आॢथक मंदहाली के साथ ही सॢदयों के मौसम में सब्जियों के आसमानी चढ़े भाव ने आम लोगों की रसोई में सब्जियों को गायब कर दिया...
मोगा (पवन ग्रोवर): एक तरफ जहां खेती, व्यापार समेत हर क्षेत्र के समूचे कारोबार में आई कमी कारण आम लोगों का घरेलू बजट उलझ कर रह गया है, वहीं दूसरी तरफ आॢथक मंदहाली के साथ ही सॢदयों के मौसम में सब्जियों के आसमानी चढ़े भाव ने आम लोगों की रसोई में सब्जियों को गायब कर दिया है।
सब्जियों की खरीद-फरोख्त करने वालों ने महंगे भाव के कारण सब्जियों को खरीदने से डर रहे हैं। इसके साथ ही सब्जियां बेचने वाले भी रेट बढऩे कारण खुश नहीं हैं। सब्जियां बेचने वालों का कहना है कि महंगे भाव की सब्जियों कारण बिक्री कम होती है, जिस कारण उनकी रोजाना दिहाड़ी पूरी पल्ले नहीं पड़ रही है। सब्जियां बेचने वाले रामू का कहना है कि इस बार सब्जियां हिमाचल तथा अन्य राज्यों से आ रही हैं, जिस कारण पडऩे वाली लंबी दूरी के ट्रांसपोर्ट खर्च कारण भी सब्जियों का महंगा होना संभाविक ही है।
उन्होंने बताया कि टमाटर, मटर तथा बंदगोभी का 60 से 100 रुपए किलो होने कारण इन सब्जियों का तो ग्राहक अब भाव पूछना ही हट गए हैं। टमाटर का रेट पिछले 15 दिनों से 60 रुपए से ऊपर रहने कारण, अब आम लोगों की रसोई में सब्जियों के ‘तड़के’ में टमाटर का प्रयोग नहीं हो रहा है।