Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Nov, 2017 08:17 AM
पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा बड़े जोर-शोर से सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू करवाई गई हैं। अजीतवाल तथा इसके नजदीकी एक-दो गांवों में तो जिला शिक्षा अधिकारी गुरदर्शन सिंह बराड़ ने अपनी टीम सहित पहुंचकर बच्चों के अभिभावकों को...
मोगा/अजीतवाल (ग्रोवर): पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा बड़े जोर-शोर से सरकारी प्राइमरी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू करवाई गई हैं। अजीतवाल तथा इसके नजदीकी एक-दो गांवों में तो जिला शिक्षा अधिकारी गुरदर्शन सिंह बराड़ ने अपनी टीम सहित पहुंचकर बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाने के लिए जहां प्रेरित किया, वहीं सरकार द्वारा बच्चों को स्कूलों में मिल रही सहूलियतों बारे भी जानकारी प्रदान की। दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक वीडियो को देखकर तो ऐसा लग रहा है कि सरकारी स्कूलों के अध्यापकों पर इन बच्चों को पढ़ाने की कम व संभालने की जिम्मेदारी ज्यादा है।
इस वीडियो में एक प्राइमरी स्कूल का अध्यापक एक नर्सरी कक्षा के बच्चे को उठाकर दूसरे बच्चों को पढ़ाने का प्रयास कर रहा है। वह बच्चे को बार-बार गोद में उठाकर, नीचे उतारता तथा दूसरे बच्चों के साथ बिठाता भी दिखाया गया है, लेकिन वह रोता हुआ फिर उसकी गोद में चढ़ जाता है, जिस कारण दूसरे बच्चों की पढ़ाई में भी विघ्न पड़ता है।
यह वीडियो बड़े स्तर पर लोगों द्वारा शेयर की जा रही है। अगर यही हाल हर सरकारी प्राइमरी स्कूल का है तो सरकार के इस ‘पढ़ो पंजाब’ प्रोजैक्ट को ब्रेक लगती नजर आ रही है। कुछ अध्यापकों ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि उन पर सरकार ने पहले ही गैर-शिक्षण कार्यों का बड़ा बोझ डाल रखा है, ऊपर से यह प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू करके पढ़ाने के साथ-साथ अब बच्चों की सांभ-संभाल करवाकर आया का काम भी लिया जा रहा है।