Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 09:06 AM
मुख्यमंत्री के अपने शहर जिला पटियाला में रोजाना 50 लाख रुपए के अवैध सट्टे का व्यापार हो रहा है। पुलिस की खामोशी के कारण यह व्यापार गलियों-मोहल्लों तक पहुंच गया है और अब इस धंधे से महिलाएं भी जुड़ गई हैं। ‘पंजाब केसरी’ ने शहर वासियों की शिकायतों के...
पटियाला (जोसन): मुख्यमंत्री के अपने शहर जिला पटियाला में रोजाना 50 लाख रुपए के अवैध सट्टे का व्यापार हो रहा है। पुलिस की खामोशी के कारण यह व्यापार गलियों-मोहल्लों तक पहुंच गया है और अब इस धंधे से महिलाएं भी जुड़ गई हैं। ‘पंजाब केसरी’ ने शहर वासियों की शिकायतों के बाद इस अवैध रूप से चल रहे धंधे की और गहराई से खोज की तो सामने आया कि इस धंधे के तार हवाला के साथ जुड़े हो सकते हैं।
नाजायज धंधे करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई : आई.जी. राय
पटियाला रेंज के आई.जी. और सीनियर आई.पी.एस. अधिकारी ए.एस. राय के साथ जब इस संबंधी संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस धंधे को चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि इस संबंधी उन्होंने एस.एस.पी. पटियाला से मुकम्मल रिपोर्ट मांगी है और बहुत जल्द इन लोगों खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने पंजाबी केसरी की सराहना करते हुए कहा कि उनको बहुत खुशी हुई है कि पंजाब केसरी ने इस नाजायज धंधे के मुद्दे को उठाकर उनके ध्यान में लाया। आई.जी. राय ने कहा कि पटियाला तो मुख्यमंत्री साहिब का अपना शहर है। वह तो ऐसे धंधे को किसी भी जिले में चलने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस संबंधी विशेष तौर पर इंटैलीजैंस रिपोर्ट भी प्राप्त की जा रही है और उन लोगों की भी पहचान हो रही है जो इस धंधे को चला कर नौजवानों व गरीब लोगों को खराब कर रहे हैं।
यहां-यहां हो रहा सट्टे का कारोबार
पंजाब केसरी की टीम ने खुद इन दुकानों पर ग्राहक बनकर कुछ पॢचयां भी कटवाईं। इसमें पता चला कि पटियाला की ए.सी. मार्कीट के पीछे दत्त मॉडल स्कूल एरिया में प्रतिदिन 1.5 लाख रुपए की अवैध पॢचयां काटी जाती हैं। अनारदाना चौक में मास्टर तारा सिंह पार्क के नजदीक हर रोज 60 हजार रुपए इकट्ठे हो रहे हैं जबकि आर्य समाज चौक में 80 हजार रुपए के करीब की पॢचयां कट रही हैं। इसी तरह शहर के धर्मपुरा बाजार के नजदीक 1.25 लाख रुपए रोजमर्रा इस धंधे के व्यापारी इकट्ठे करके अपनी जेबें गर्म करते हैं। शहर के नाभा गेट एरिया की तेलियों वाली गली में हर रोज 50 हजार रुपए का नाजायज धंधा हो रहा है।
इसके बाद तेज बाग कालोनी और सनौरी अड्डा में 3.40 लाख का रोजाना व्यापार हो रहा है। इसके बाद बस स्टैंड के साथ खुली इस धंधे की दुकानों में हर रोज 3.5 लाख रुपए इकट्ठे हो रहे हैं। यहीं बस नहीं शहर की मथुरा कालोनी भी बुरी तरह इस धंधे की चपेट में है। मथुरा कालोनी में 3 दुकानों पर 1 लाख के करीब व्यापार हो रहा है। शहर की सबसे बड़ी मार्कीट त्रिपड़ी एरिया में एक दर्जन दुकानों पर हर रोज 4 लाख रुपए के करीब की पॢचयां रोजाना कट रही हैं। इस धंधे ने गरीब लोगों व नौजवानों को बर्बादी के किनारे पर लाकर खड़ा कर दिया है। इस धंधे से जुड़े कुछ राजनीतिक लोग व पुलिस अफसर दिन-ब-दिन अमीर होते जा रहे हैं।
सनौर भी बुरी तरह सट्टे की चपेट में
शाही शहर में फैली यह बीमारी अब पूरे जिले में पैर पसार चुकी है, सनौर बस स्टैंड पर भी इस सट्टे की सरेआम दुकानें चल रही हैं परन्तु सनौर पुलिस खामोश है और बोलने को कुछ भी तैयार नहीं है। ऐसे लगता है कि सब कुछ सनौर पुलिस की मिलीभगत के साथ ही हो रहा है। राजपुरा तो सट्टे के धंधे का हब बन चुका है और हर रोज लाखों रुपए का व्यापार राजपुरा में हो रहा है।