Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 12:19 PM
सी.एम. सिटी पटियाला में बने रैस्टोरैंट, ढाबे, रेहडिय़ों, मोबाइल वैनों द्वारा बैठकर लोगों को परोसी जा रही खाने-पीने की वस्तुएं बिना ढके खुले में बेच कर जहां सरेआम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, वहीं सीधे तौर पर भारत सरकार की तरफ से...
पटियाला(जोसन, लखविन्दर): सी.एम. सिटी पटियाला में बने रैस्टोरैंट, ढाबे, रेहडिय़ों, मोबाइल वैनों द्वारा बैठकर लोगों को परोसी जा रही खाने-पीने की वस्तुएं बिना ढके खुले में बेच कर जहां सरेआम लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, वहीं सीधे तौर पर भारत सरकार की तरफ से राष्ट्रीय स्तर पर बनाए गए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट ऑफ इंडिया-2014 की धज्जियां भी उड़ रही हैं, उधर सेहत विभाग कुंभकर्णी नींद सोया पड़ा है।
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट ऑफ इंडिया-2014 एक ऐसा एक्ट है यदि यह सही ढंग के साथ लागू हो जाए तो बड़ी और भयानक बीमारियों से बचा जा सकता है। इस एक्ट के अंतर्गत उपरोक्त संस्थानों को रजिस्ट्रेशन करवानी बहुत ही जरूरी है। इनमें काम करने वाले मुलाजिमों को खाने-पीने की वस्तुएं बनाने और बेचते समय सिर पर टोपी, हाथों में दस्ताने व छाती पर एक कपड़ा फ्रंट पर बांध कर रखना बेहद जरूरी होता है, परन्तु हाल यह है कि किसी की भी तरफ से इन वस्तुओं का इस्तेमाल बड़े स्तर पर न करके सरेआम खाने-पीने की वस्तुएं बेची जा रही हैं।
दिसम्बर में लिए 25 में से 24 सैंपल फेल
जिला पटियाला के सेहत अधिकारी डाक्टर परविन्दर सिंह सिद्धू ने बताया कि लोगों को सही वस्तुएं देने के फैसले के अंतर्गत ही सेहत विभाग की तरफ से दिसम्बर में ऐसे रैस्टोरैंटों, ढाबों, होटलों में से खाने-पीने वाली वस्तुओं के 25 सैंपल भरे गए थे जिनमें से 24 फेल पाए गए हैं, जिनसे 3,43,500 रुपए जुर्माना वसूला गया है।
रजिस्ट्रेशन हो सकती है ऑनलाइन
डाक्टर परविन्दर सिंह सिद्धू ने बताया कि इस एक्ट के अंतर्गत हर तरह की रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो सकती है। रजिस्ट्रेशन के लिए 100 रुपए रेहड़ी की फीस है और होटल व रैस्टोरैटों की 2000 से 3000 तक की फीस है जिस के अंतर्गत सेहत विभाग इनको लाइसैंस दे देता है।
पेट जैसी भयानक बीमारियों का शिकार होते हैं लोग
पटियाला में बने रैस्टोरैंट, ढाबे, रेहडिय़ां व मोबाइल वैनें आदि सरेआम खुले में ही लोगों को सामान खिला रहे हैं जिससे लोग भयानक बीमारियों का शिकार होते हैं। लोगों को ऐसा किए जाने कारण खास तौर पर पेट की बीमारियों के साथ जूझना पड़ता है। लोग कई बार इस तरह खुली वस्तुओं का सेवन करने के साथ कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का भी शिकार हो जाते हैं।
एक्ट की पालना न करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई : डाक्टर सिद्धू
इस संबंधी जिला पटियाला के सेहत अधिकारी डाक्टर परविन्दर सिंह सिद्धू ने कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट ऑफ इंडिया-2014 की पालना न करने वाले हर ढाबे, रैस्टोरैंट और रेहडिय़ों के खिलाफ सेहत विभाग कार्रवाई करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि एक्ट की पालना न करने वालों का मौके पर चालान भी काटा जा सकता है और 6 माह से 3 साल तक की सजा भी हो सकती है।