Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 08:14 AM
शहर में चॢचत रही 400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में जहां शहर के कई हाई प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वहीं पुलिस खुद भी उनके नाम सुन कर जहां स्तब्ध है, वहीं अभी इन वी.आई.पी. लोगों के नामों का खुलासा करने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रही...
अमृतसर(महेन्द्र): शहर में चॢचत रही 400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में जहां शहर के कई हाई प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, वहीं पुलिस खुद भी उनके नाम सुन कर जहां स्तब्ध है, वहीं अभी इन वी.आई.पी. लोगों के नामों का खुलासा करने की स्थिति में दिखाई नहीं दे रही है। जानकारी के अनुसार इस मामले में कई ऐसे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनकी बड़े-बड़े राजनीतिक लोगों तक पहुंच है। इसे देख इस बात की भी आशंका हो रही है राजनीतिक दबाव के चलते करोड़ों का यह मामला कहीं कमजोर न पड़ जाए, इसलिए बिना किसी राजनीतिक दबाव के अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, तो इस मामले में बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
आरोपी रमेश चुघ खुद कर रहा है सी.बी.आई. से जांच कराने की मांग
गत दिवस इस मामले में प्रमुख आरोपी रमेश कुमार चुघ ने अपना पक्ष रखते हुए एक पूर्व पार्षद का सरेआम नाम लेते हुए कहा कि सबसे बड़ा दोषी तो वही है। इसके अलावा उन्होंने और भी कई नामी लोगों के नाम लेते हुए इस धोखाधड़ी के लिए उन्हें जिम्मेवार ठहराया था। इस दौरान चुघ ने खुद कहा था कि करोड़ों के इस बड़े मामले की सी.बी.आई. से जांच करानी चाहिए ताकि सारी सच्चाई सामने आ सके।
जो करोड़ों में कभी खेलता था जल बेचने पर हुआ मजबूर
जब रमेश चुघ से यह पूछा गया कि अदालत द्वारा भगौड़ा घोषित करने के करीब डेढ़ वर्ष तक वह आखिर कहां रहा था और क्या कर रहा था? तो उसने बताया कि उनके परिवार को जान का खतरा हो जाने के कारण ही वह विवश हो यहां से महाराष्ट्र के जिला पुणे के आसपास छुप-छुप कर रहा था। वहां पर वह न सिर्फ मेहनत-मजदूरी ही करता रहा, ऊंची मंजिलों वाले फ्लैट्स में कभी जल बेच कर, तो कभी लोगों के कपड़े प्रैस करके अपना गुजारा करने पर विवश था। इस दौरान परिवार सहित वह खाना तैयार कर उसे टिफिन के जरिए सप्लाई करने का काम भी करता रहा।
करीब 150 करोड़ की टर्न-ओवर के सबूत मेरे आफिस में हैं मौजूद
चुघ ने बताया कि उसके व उसके परिवार के खिलाफ बढ़ा-चढ़ा कर आरोप लगते रहे हैं लेकिन इन आरोपों में कतई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि करीब 150 करोड़ रुपए की टर्न-ओवर के सबूत उसके आफिस में मौजूद हैं लेकिन उनका आफिस पुलिस ने सील कर रखा है। जांच के दौरान वह अपने व्यवसाय से जुड़े हर प्रकार की टर्न-ओवर के सबूत पुलिस के समक्ष पेश करने को भी तैयार है।
ए.डी.सी.पी.-2 ने अप्रत्यक्ष तौर पर की पुष्टि
इस मामले को लेकर जब ए.डी.सी.पी.-2 तथा एस.आई.टी. के सदस्य लखबीर सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने प्रत्यक्ष तौर पर तो किसी का नाम नहीं बताया, लेकिन अप्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने इस मामले में हाई प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें हाई प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ सकते हैं लेकिन क्योंकि इस मामले की अभी जांच चल रही है, इस लिए अभी कुछ कहना उचित नहीं है। इतना जरूर है कि इस मामले में जो कोई भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।