इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के बाद नगर निगम अमृतसर में पी.एफ. घोटाला!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Dec, 2017 11:24 AM

improvement trust scam

इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट का घोटाला मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि नगर निगम अमृतसर में पी.एफ. घोटाला सामने आ गया है।

अमृतसर (रमन): इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट का घोटाला मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि नगर निगम अमृतसर में पी.एफ. घोटाला सामने आ गया है। घोटाले में शक की सूई सीधे एक महिला क्लर्क की तरफ है।
पिछले दिनों पी.एफ. घोटाले को लेकर निगम कमिश्नर सोनाली गिरि के पास इस संबंधी शिकायत पहुंची जिस पर उनके द्वारा तुरंत ज्वाइंट कमिश्नर सौरभ अरोड़ा के अंतर्गत 3 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया जिसमें एस.ई. ओ. एंड एम. अनुराग महाजन, डी.सी.एफ.ए. मनु शर्मा व अश्विनी भगत शामिल हैं। 

कर्मचारी पैसे-पैसे को मोहताज, घोटालेबाज करते रहे ऐश
निगम कर्मचारियों को लंबे समय से न तो समय पर वेतन मिल रहा था और न ही एल.आई.सी. की किस्तें एवं न ही पी.एफ. की राशि खातों में जमा हो रही थी। एक क्लर्क द्वारा कर्मचारियों के पी.एफ. के लगभग 9 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए गए। इसकी भनक जब निगम कर्मचारियों को लगी तो बात सारे निगम में आग की तरह फैल गई जिससे सारे निगम में हड़कंप मच गया। निगम कर्मचारियों ने कहा कि एक तरफ वे पैसे-पैसे के लिए मोहताज हुए बैठे थे और रोजाना धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं, दूसरी तरफ घोटाला करने वाले कर्मी घोटाले के पैसे से ऐश कर रहे हैं। 

ऐसे आया मामला पकड़ में
पिछले दिनों रिटायरमैंट का एक चैक काटा गया तो उस समय एक 9 लाख की एंट्री रजिस्टर पर और दिखाई दी। अकाऊंट्स डिपार्टमैंट में पूछा गया कि यह लगभग 9 लाख की राशि का चैक किस का कटा है। उस पर जिस क्लर्क का नाम लिखा था वह क्लर्क आफिस में मौजूद नहीं थी। तब निगम कर्मी ने छानबीन करनी शुरू की। छानबीन के बाद साफ हो गया कि 9 लाख रुपए के लगभग क्लर्क के अपने खाते में गए हैं। इस बात को अकाऊंट्स विभाग ने काफी दबाना चाहा लेकिन पी.एफ. की रकम कर्मचारियों की थी जिससे बात दब न सकी और सारी बात कमिश्नर तक पहुंच गई जिस पर एक कमेटी गठित की गई है। क्या अकेली महिला क्लर्क ने ही यह सब कुछ किया है? कब से ऐसा चलता आ रहा है? क्या कोई अधिकारी भी इसमें मिला हुआ है। 

 सिद्धू के विभाग में हुआ दूसरा घोटाला 
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू घोटालों पर स्पष्ट बोलते हैं कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा लेकिन जब से कांग्रेस सरकार बनी है तब से उनके मंत्रालय के विभाग में पहला घोटाला इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में और दूसरा निगम में क्लर्क द्वारा पी.एफ. के पैसों को अपने खाते में ट्रांसफर करने का हो गया है। 

2 अधिकारियों के होते हैं चैक पर हस्ताक्षर 
शुक्रवार को निगम कार्यालय में जब सारी बात फैल गई थी तो कोई अधिकारी सीट पर नहीं मिला। किसी ने बीमारी का बहाना लगाया तो किसी ने शादी में जाने का व सभी कर्मचारियों की नजरों से बचते नजर आए। कर्मचारियों का कहना है कि सरकारी पैसे क्लर्क के अकाऊंट में कैसे पहुंचे और यह सिलसिला कब से चल रहा है। किसी भी वेतन का चैक हो या अन्य कोई चैक, उस पर 2 अधिकारयों के हस्ताक्षर होते हैं, एक स्ट्रीट लाइट के एस.ई. प्रद्युम्न सिंह एवं दूसरा डी.सी.एफ.ए. के। उक्त क्लर्क ने कैसे दोनों अधिकारियों से चैक पर हस्ताक्षर करवाए, यह जांच के बाद पता चलेगा। 

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