Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 08:23 AM
लंबे समय से शराब माफिया की गतिविधियों से जूझ रहे कपूरथला शहर में इस बार आबकारी विभाग को सरकारी शराब ठेकों की नीलामी में भारी दिक्कत आ सकती है। करोड़ों रुपए खर्च करके कपूरथला शहर में सरकारी शराब ठेके हासिल करने वाले अधिकतर शराब ठेकेदारों का पिछले कुछ...
कपूरथला(गौरव): लंबे समय से शराब माफिया की गतिविधियों से जूझ रहे कपूरथला शहर में इस बार आबकारी विभाग को सरकारी शराब ठेकों की नीलामी में भारी दिक्कत आ सकती है। करोड़ों रुपए खर्च करके कपूरथला शहर में सरकारी शराब ठेके हासिल करने वाले अधिकतर शराब ठेकेदारों का पिछले कुछ वर्षों से मनोबल इस कदर गिर चुका है कि लगातार बिकने वाली भारी मात्रा में अवैध शराब ने उनके कारोबार की ही कमर तोड़ दी है, जिसके परिणाम स्वरूप पिछले कुछ वर्षों से कपूरथला शहर में शराब ठेके लेने वाले ठेकेदार मुनाफे से वंचित चल रहे हैं। इसकी मार्च माह में होने वाली सरकारी शराब ठेकों की नीलामी दौरान आबकारी विभाग को बड़ी कीमत अदा करनी पड़ सकती है जो पहले भी सरकारी खजाने की जबरदस्त कमी से जूझ रही पंजाब सरकार के लिए एक बड़ा झटका बन सकता है।
शराब माफिया का गढ़ बन चुका है कपूरथला शहर
कपूरथला शहर के साथ शराब माफिया का नाता करीब 2 दशक पुराना है। शहर के पिछड़े व गरीब क्षेत्रों में पिछले 20 वर्षों से लगातार बिक रही अवैध शराब ने जहां शराब माफिया को मालामाल कर दिया है वहीं करोड़ों रुपए की रकम खर्च कर शराब ठेके लेने वाले कई ठेकेदारों की कमर ही तोड़ दी है। करीब 20 करोड़ रुपए की बड़ी रकम खर्चकर कपूरथला सर्कल की अलाटमैंट लेने वाले ठेकेदारों की हालत तो यह है कि एक दशक पहले कपूरथला शहर में आबकारी विभाग को शहर ठेके बेचने के लिए कई महीने लंबा संघर्ष करना पड़ता था जिसका सीधा नुक्सान सरकारी रैवेन्यू को होता था लेकिन किसी तरह आबकारी विभाग द्वारा शराब ठेकेदारों को शराब माफिया विरुद्ध कार्रवाई करने का भरोसा देने के बाद कपूरथला शहर की अलाटमैंट आसान हो गई थी लेकिन हालात इस कदर गंभीर हो चुके हैं कि लगातार बिक रही अवैध शराब ने सरकारी शराब ठेकेदारों की नींद उड़ा दी है।
नीलामी में सरकार को करनी पड़ सकती है भारी मशक्कत
इस वर्ष मार्च माह के अंत में प्रदेश भर में होने वाली सरकारी शराब ठेकों की नीलामी दौरान आबकारी विभाग को कपूरथला सर्कल अलाट करने में भारी दिक्कत आ सकती है। बताया जाता है कि 20 वर्ष से शराब माफिया से जूझ रहे कपूरथला शहर में हालात इस कदर गिर चुके हैं कि अब आने वाली नीलामी में शायद ही कोई ग्रुप कपूरथला शहर में 21-22 करोड़ रुपए की रकम खर्च कर शराब ठेकों की अलाटमैंट ले सके, जिसका सीधा नुक्सान सरकारी खजाने को भुगतना पड़ सकता है।
क्या कहते हैं सहायक कमिश्नर आबकारी
इस संबंधी जब सहायक कमिश्नर आबकारी पवनजीत सिंह के साथ संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि अवैध शराब माफिया विरुद्ध हमारी मुहिम लगातार चल रही है अब इस मुहिम को और भी तेज किया जाएगा।