Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Nov, 2017 08:31 AM
: एक तरफ जहां मालवा क्षेत्र में गत रात्रि से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने स्मॉग के कहर से लोगों को राहत दी है, वहीं दूसरी तरफ मंडियों में सरकार की विभिन्न खरीद एजैंसियों की ओर से खरीद किया अनाज भीगने के साथ-साथ धान की ढेरियां भी बारिश की मार के नीचे आ...
मोगा (ग्रोवर): एक तरफ जहां मालवा क्षेत्र में गत रात्रि से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने स्मॉग के कहर से लोगों को राहत दी है, वहीं दूसरी तरफ मंडियों में सरकार की विभिन्न खरीद एजैंसियों की ओर से खरीद किया अनाज भीगने के साथ-साथ धान की ढेरियां भी बारिश की मार के नीचे आ गई हैं। यही नहीं, इस बार भारी बारिश के कारण किसानों की हाड़ी की फसल की बिजाई लेट होने की संभावना भी बन गई है, जिस कारण अन्नदाता ङ्क्षचता के आलम में है। मालवा इलाके की अनाज मंडियों में धान की बोरियां भीगने के कारण इनको सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए मजदूर वर्ग को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है।
जिले भर की मुख्य अनाज मंडी समेत विभिन्न शहरों की बड़ी मंडियों में तो अधिकतर किसान धान की फसल बेचकर फ्री हो गए हैं, लेकिन गांवों की कच्ची मंडियों में अभी भी बहुसंख्यक किसान धान न बिकने के कारण मंडियों में डेरे लगाए बैठे हैं, जिस कारण बारिश इन किसानों के लिए आफत का कारण बन गई है।
गांव किशनपुरा कलां की अनाज मंडी में बैठे किसानों का कहना था कि दूषित हुए वातावरण को तो बारिश ने ठीक कर दिया है, लेकिन उनकी ढेरियां गीली होने के कारण उनको और कई दिन मंडी में रातें काटनी पड़ सकती हैं। गांव धल्लेके के पूर्व सरपंच तथा युवक सेवाएं स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष हरबंस सिंह ने कहा कि बारिश के कारण कम से कम 10 दिनों तक बिजाई का कार्य पिछड़ गया है। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा पिछले दिनों बिजी गेहंू की फसल के खराब होने का खदशा है।