Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 11:02 AM
शिरोमणि अकाली दल की ओर से कई जिला प्रधानों की घोषणा की गई है, पर इसमें जालंधर ग्रामीण हलके के प्रधान के तौर पर तो वापस अजीत सिंह कोहाड़ को जिम्मेदारी सौंपी गई है पर जालंधर शहरी के लिए किसी का नाम घोषित नहीं किया गया। इसके बाद से ये बातें उठने लगी...
जालंधर(बुलंद): शिरोमणि अकाली दल की ओर से कई जिला प्रधानों की घोषणा की गई है, पर इसमें जालंधर ग्रामीण हलके के प्रधान के तौर पर तो वापस अजीत सिंह कोहाड़ को जिम्मेदारी सौंपी गई है पर जालंधर शहरी के लिए किसी का नाम घोषित नहीं किया गया। इसके बाद से ये बातें उठने लगी हैं कि आखिर किसके नाम पर मोहर लगेगी।इस बारे में पार्टी के कई सीनियर नेताओं से बातचीत के दौरान ऐसी खबरें मिल रही हैं कि पार्टी हाईकमान इस बार जालंधर के लिए किसी नए चेहरे को सामने लाने पर विचार कर रही है।
चाहे लाइन में गुरचरण सिंह चन्नी, सर्बजीत सिंह मक्कड़, कमलजीत सिंह भाटिया, कुलवंत सिंह मन्नण और बलजीत सिंह नीलमहल के नाम हैं, पर इतना तो साफ होता दिख रहा है कि पार्टी गुरचरण चन्नी को इस बार यह जिम्मेदारी नहीं देना चाहती। चन्नी पर आरोप है कि कई चुनावों में वह पार्टी के साथ नाराजगी प्रकट करके कोई न कोई बखेड़ा खड़ा करते रहे हैं और अपनी कोई न कोई मांग मनवाते रहे हैं। इसी प्रकार मक्कड़ पर 3 बार चुनाव हारने और अपनी ही पार्टी के नेताओं के साथ मधुर संबंध न बनाकर रखने के आरोप लग रहे हैं। ऐसे में चन्नी और मक्कड़ दोनों के नाम इस बार प्रधानगी से बाहर ही रहेंगे।
कमलजीत भाटिया का गर्म स्वभाव और मक्कड़ के साथ छत्तीस का आंकड़ा उनकी प्रधानगी की दौड़ में रुकावट बन सकता है। इस समय सबसे आगे कुलवंत सिंह मन्नण और नीलमहल के नाम चल रहे हैं। नीलामहल को पिछली बार इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट की चेयरमैनी से भी हाथ धोना पड़ा था। ऐसे में अब देखना होगा कि पार्टी इनमें से किस नाम पर मोहर लगाती है और या दोबारा मक्कड़ या चन्नी का कोई दाव चलता है।उधर पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार पार्टी हाईकमान किसी साफ-सुथरे नाम को प्रधानगी के लिए आगे लाना चाहती है, जिसके साथ कोई विवाद न हो और न ही ’यादा विरोध हो।