Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 12:28 PM
स्वास्थ्य विभाग के चहेते व प्रसिद्ध जिला स्तरीय सिविल अस्पताल पर संकट के बादल छा गए हैं। पंजाब सरकार द्वारा पिछले 5 महीनों से मरीजों की भलाई के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं संबंधी ग्रांट जारी नहीं की गई है।
अमृतसर(दलजीत): स्वास्थ्य विभाग के चहेते व प्रसिद्ध जिला स्तरीय सिविल अस्पताल पर संकट के बादल छा गए हैं। पंजाब सरकार द्वारा पिछले 5 महीनों से मरीजों की भलाई के लिए चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं संबंधी ग्रांट जारी नहीं की गई है। अस्पताल प्रशासन ने ग्रांट न आने के कारण जहां 60 लाख से अधिक का खर्चा अपनी जेब से कर दिया है, वहीं आने वाले दिनों में पैसे के अभाव में उक्त अस्पताल में सरकारी योजनाएं बंद होने का खतरा मंडराने लगा है।
उक्त अस्पताल को केंद्र तथा पंजाब सरकार द्वारा कई बार बेहतर सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। कायाकल्प प्रोग्राम के तहत तो कई बार यह उत्तरी भारत में विजयी रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री तथा उच्च अधिकारी भी कई बार इसे आदर्श बताते हैं। पंजाब सरकार द्वारा 200 बैड के उक्त अस्पताल को चलाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों से लैस तो किया गया है परन्तु मरीजों के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं को जारी रखने संबंधी ग्रांट रिलीज नहीं की जा रही। उच्चाधिकारियों को भी ग्रांट न आने संबंधी पता है परन्तु वे भी सरकार के खाली खजाने के कारण बेबस हुए दिखाई दे रहे हैं। डायलिसिस यूनिट भी पैसे के अभाव में बंद होने की कगार पर है।
35 लाख टैस्टों की नहीं हुई अदायगी
सरकार द्वारा ग्रांट जारी न होने के कारण पिछले 5 महीनों में मरीजों के किए गए 35 लाख के टैस्टों की अभी तक अदायगी नहीं हुई है। अस्पताल प्रशासन द्वारा कई मरीजों के महत्वपूर्ण टैस्ट प्राइवेट केन्द्रों से भी करवाए गए हैं। केन्द्रों द्वारा पिछली बकाया राशि का भुगतान न होने के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों के टैस्ट करने से संकोच किया जा रहा है। यदि जल्द उक्त पैसे जारी न हुए तो मरीजों के सभी टैस्ट अस्पताल में करवाना अधिकारियों के लिए मुश्किल हो जाएगा।
जननी-शिशु सुरक्षा योजना पर संकट
सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए सिविल अस्पताल में जननी-शिशु सुरक्षा के तहत गर्भवती महिलाओं के मुफ्त मे प्रसव करवाए जाते हैं। इसके अलावा एक वर्ष तक के लड़कों तथा 5 वर्ष तक लड़कियों का इलाज मुफ्त रखा गया है। योजना को जारी रखने के लिए पिछले 5 महीनों से पैसा न आने के कारण काम प्रभावित हो रहा है। हर माह अस्पताल में 200 से अधिक प्रसव होते हैं। उक्त विभाग के अधिकारियों द्वारा भी पैसे न होने की कमी संबंधी उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। कभी भी यह योजना पैसे के अभाव के कारण बंद हो सकती है।
भगत पूर्ण सिंह योजना की भी नहीं हुई अदायगी
सिविल अस्पताल द्वारा सैंकड़ों मरीजों का भगत पूर्ण सिंह योजना के तहत मुफ्त इलाज कर दिया है। पिछले कई महीनों से योजना के तहत संबंधी कंपनी द्वारा अस्पताल प्रशासन को 10 लाख से अधिक की बनती रकम जारी नहीं की गई है।
यूजेज चार्जेज एकमात्र सहारा
अस्पताल प्रशासन को हर माह मरीजों के इलाज के लिए सरकारी पर्चियों तथा आप्रेशन फीसों इत्यादि से 12 लाख के करीब यूजेज चार्जेज इक_ा होता है जिसमें से 5 लाख के करीब सुरक्षा, साफ-सफाई इत्यादि के लिए चला जाता है। इसके अलावा ठेके पर रखे गए कर्मचारियों का वेतन, बिजली इत्यादि का खर्चा अलग से है। सर्दी बढऩे से अस्पताल में ओ.पी.डी. कम हो गई, तब इतना यूजेज चार्जेज भी अस्पताल इकट्ठा हीं कर पाएगा जिसकी कमी के कारण भी प्रसिद्ध अस्पताल का काम ठप्प हो जाएगा।