Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 01:25 PM
हमेशा ही सरकारों द्वारा बढिया स्वास्थ्य तथा शिक्षा सेवाएं देने के दावे किए जाते हैं पर उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां करती है। ऐसा ही कुछ सिविल अस्पताल बरनाला में देखने को मिलता है। सिविल अस्पताल बरनाला जिले का एकमात्र बड़ा अस्पताल है, जहां...
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): हमेशा ही सरकारों द्वारा बढिया स्वास्थ्य तथा शिक्षा सेवाएं देने के दावे किए जाते हैं पर उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां करती है। ऐसा ही कुछ सिविल अस्पताल बरनाला में देखने को मिलता है। सिविल अस्पताल बरनाला जिले का एकमात्र बड़ा अस्पताल है, जहां जिले की करीब 7 लाख की आबादी सिविल अस्पताल में इलाज करवाने आती है।
सरकारों द्वारा उनको बढिया सुविधाएं देने की बात की जाती लेकिन बढिया सुविधाएं सरकार द्वारा नहीं बल्कि शहर की सामाजिक तथा धार्मिक संस्थाओं की ओर से मुहैया करवाई जा रही हैं। पिछले करीब 25 वर्षों से सिविल अस्पताल 100 बैडों का ही चला आ रहा है जबकि इस दौरान जिले की आबादी 5 गुना से भी अधिक बढ़ गई है जिस कारण सिविल अस्पताल अब छोटा लगने लगा है। 100 बैड जिले के लोगों के लिए काफी नहीं हैं। मरीजों की संख्या इससे भी कहीं अधिक हो जाती थी। मरीजों को बैड नहीं मिलते थे जिस कारण वह इधर-उधर से चारपाइयों का बंदोबस्त करते थे।
पिछले 20 वर्षों से लोग किराए की चारपाइयों पर इलाज करवाने के लिए थे मजबूर
सिविल अस्पताल बरनाला में जिले के लोग पिछले 20 वर्षों से किराए की चारपाइयों पर अपना इलाज करवाने के लिए मजबूर थे। किराए पर चारपाइयां देने वाले उनसे ‘मोटा’ किराया वसूलते थे। इस मजबूरी को देखकर शहर की धार्मिक संस्था शिव सेवा संघ शास्त्री मार्कीट आगे आई।
उन्होंने पिछले महीने से मरीजों को फ्री चारपाइयां देने का बीड़ा उठाया जिस कारण मरीजों को भारी राहत मिली। शिव सेवा संघ के अध्यक्ष सोमनाथ हेड़ीके वालों ने कहा कि यदि प्रशासन हमें सहयोग दे तो हम मरीजों के लिए गर्म पानी की सुविधा तथा अन्य सुविधाएं देने को भी तैयार हैं।
निष्काम सेवा समिति की ओर से मरीजों को दिया जाता है नि:शुल्क भोजन
शहर की समाजसेवी संस्था निष्काम सेवा समिति की ओर से पिछले कई वर्षों से मरीजों तथा उनके अभिभावकों को दोनों समय का भोजन नि:शुल्क दिया जाता है।
इतना ही नहीं सुबह की चाय तथा शाम की चाय इस समाजसेवी संस्था की ओर से मरीजों को उपलब्ध करवाई जाती है। मरीजों के अभिभावकों को इस संस्था की ओर से सुबह के वक्त दातुन या मंजन भी उपलब्ध करवाया जाता है ताकि उनको किसी किस्म की कोई परेशानी न झेलनी पड़े।