Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 04:20 PM
दीनानगर में 27 जुलाई 2015 को हुए आंतकी हमले में वीरगति प्राप्त करने वाले शहीदों के परिवारों से किए वायदे सरकार भूल गई है। शहीदों के परिवारों अभी तक सरकार से पूरी सहायता नहीं मिली है। न नहीं शहीदों के नाम पर गेट और स्कूल बने हैं। आज भी परिजनों के...
दीनानगरः दीनानगर में 27 जुलाई 2015 को हुए आंतकी हमले में वीरगति प्राप्त करने वाले शहीदों के परिवारों से किए वायदे सरकार भूल गई है। शहीदों के परिवारों अभी तक सरकार से पूरी सहायता नहीं मिली है। न नहीं शहीदों के नाम पर गेट और स्कूल बने हैं। आज भी परिजनों के दिलों में आंतकी हमले के जख्म जिंदा हैं।
शहीदों के परिवारों का कहना है कि दीनानगर में आतंकी हमले को ढाई साल हो गए हैं, मगर आज भी इस हमले भी उनकी आंखें नम हैं। दिल के घाव अभी भी ताजा हैं। इन घावों पर सरकार ने हमदर्दी का मरहम तो लगा दिया था। पर अभी तक किए वायदों को पूरा करने के लिए कुछ नहीं किया। दीनानगर हमले में शहीद हुए होमगार्ड देसराज और बोधराज का परिवार आज भी मुश्किलों से भरा जीवन जीने को मजबूर है।