Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 10:32 AM
पंजाब सरकार व प्रशासन की सख्ती को ‘आंखें’ दिखाते हुए मालवा क्षेत्र में किसानों ने ‘देखा-देखी’ धान की पराली को आग लगानी शुरू कर दी है, जिस कारण पिछले 3 दिनों से हालात बद से बदतर हो गए हैं कि मालवा क्षेत्र में ‘सांस’ लेना भी कठिन हो गया है।
मोगा (ग्रोवर): पंजाब सरकार व प्रशासन की सख्ती को ‘आंखें’ दिखाते हुए मालवा क्षेत्र में किसानों ने ‘देखा-देखी’ धान की पराली को आग लगानी शुरू कर दी है, जिस कारण पिछले 3 दिनों से हालात बद से बदतर हो गए हैं कि मालवा क्षेत्र में ‘सांस’ लेना भी कठिन हो गया है। हैरानी की बात तो यह है कि चाहे प्रशासन ने सरकारी हिदायतों पर जिले भर में बड़े स्तर पर किसानों को पहले तो पराली न जलाने संबंधी जागरूक किया था तथा इसके साथ ही किसानों को सख्त निर्देश भी दिए हैं लेकिन किसानों द्वारा नियमों की जा रही कथित अनदेखी कोरोकने के लिए प्रशासन, खेतीबाड़ी विभाग व अन्य सरकारी विभागों के नुमाइंदे ‘फेल’ साबित हुए हैं।
‘पंजाब केसरी’ द्वारा हासिल की गई जानकारी में यह तथ्य भी उभरकर सामने आया कि मोगा जिले से संबंधित बहुत गांवों के किसानों ने पराली प्रति सरकारी सख्ती को देखते हुए हैप्पी सीडर, तवियां समेत पराली को खेत में नष्ट करने वाले अन्य मशीनरी व औजार भी अग्रिम खरीद कर लिए थे लेकिन जिस दिन पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य में किसी भी किसान पर पराली जलाने संबंधी मामला न दर्ज करने का बयान मीडिया में दिया तो उस दिन से पुन: किसानों ने नए औजार खरीदने की बजाय पुन: पुरानी रिवायत अनुसार ही धान की पराली को आग लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी।
जिले में कई किसानों ने इस बार धान की पराली नहीं जलाई तथा ये किसान खेत में ही धान की पराली को नष्ट भी कर रहे हैं लेकिन जिले भर में धान की पराली को आग लगाने वाले किसानों की अधिक संख्या होने कारण सायं 5 बजे से ही आसमान में अब अंधेरा छा जाता है। यही नहीं सड़कों से गुजरने वाले लोगों को आग का धुआं अनेक परेशानियां व बीमारियां दे रहा है। किसानों द्वारा पराली को लगाई आग दौरान कई वृक्ष भी जल गए हैं।
जिले में आग लगाने वाले 500 किसानों की हुई पहचान
इस मामले संबंधी जिले के डिप्टी कमिश्नर दिलराज सिंह ने कहा कि कल तक जिले भर के 500 किसानों की पराली को आग लगाने के मामले में पहचान की गई है, जिस संबंधी रिपोर्ट बनाकर पंजाब के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को भेजी जा रही है।
मलवई आंखों, सांस, दमा व अन्य बीमारियों से पीड़ित
पराली के ‘धुएं’ कारण मालवा क्षेत्र के लोग पिछले कई दिनों से हवा में प्रदूषण बढऩे के चलते आंखों, सांस, दमा, बुखार, नजला, खांसी समेत अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि मालवा क्षेत्र में प्रदूषण कारण घर-घर लोग बीमार पड़े हैं। गांवों व शहरों के विभिन्न डाक्टरों से हासिल जानकारी के अनुसार प्रदूषण कारण बीमारियों में कई गुना वृद्धि हुई है तथा जब तक बारिश नहीं होती, तब तक प्रदूषण कम होने की कोई संभावना नहीं है।