एस.जी.आर.डी. एयरपोर्ट पर डॉग हैंडलर पॉल का साया

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 12:04 PM

gold smuggling in amritsar airport

श्री गुरु रामदास इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर डी.आर.आई. की टीम द्वारा दुबई से अमृतसर आई फ्लाइट में सवार दम्पति की सीट के नीचे से 15 किलो सोना जब्त किए जाने के बाद एक बार फिर से गोल्ड स्मगलिंग व कस्टम विभाग की काली भेड़ें चर्चा में आ गई हैं। एक बार फिर से...

अमृतसर(नीरज): श्री गुरु रामदास इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर डी.आर.आई. की टीम द्वारा दुबई से अमृतसर आई फ्लाइट में सवार दम्पति की सीट के नीचे से 15 किलो सोना जब्त किए जाने के बाद एक बार फिर से गोल्ड स्मगलिंग व कस्टम विभाग की काली भेड़ें चर्चा में आ गई हैं। एक बार फिर से कस्टम विभाग का डॉग हैंडलर पॉल व पहलवान का नाम चर्चा में आ गया है।

सोने की खेप के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कस्टम विभाग के डॉग हैंडलर पॉल का साया एयरपोर्ट पर नजर आ रहा है।  इतनी बड़ी खेप पकड़े जाने के बाद यह साबित हो चुका है कि आज भीएस.जी.आर.डी. एयरपोर्ट गोल्ड स्मगलरों के निशाने पर है।  वह अपने कोरियरों के जरिए गोल्ड स्मगलिंग कर रहे हैं। अभी कुछ दिन पहले ही कस्टम विभाग के एयर इंटैलीजैंस यूनिट की तरफ से एक किलो से ज्यादा सोना पकड़ा जा चुका है जिसको बड़ी ही तकनीक से यात्री बैग में छुपाया गया था। 

विस्फोटक भी लाया जा सकता है सोने की जगह

ताजा हालात में डी.आर.आई. की टीम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। उन बड़े खिलाडियों की तलाश की जा रही है जिनकी पहुंच के कारण 15 किलो सोना विमान में सीट के नीचे पहुंच गया। इस घटना से विमान की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सोने की बजाय आर.डी.एक्स. या कोई अन्य खतरनाक पदार्थ भी सीट के नीचे रखा जा सकता है।

दुबई एयरपोर्ट पर विमान की साफ-सफाई करने वाला स्टाफ तो जांच के दायरे में है ही, एस.जी.आर.डी. एयरपोर्ट पर विमान की सफाई, कचरा उठाने वाला स्टाफ भी शक के घेरे में आ गया है। गिरफ्तार दम्पति खुद सीट के नीचे से सोना नहीं निकाल सकते, यह काम यात्रियों के उतर जाने के बाद एयरपोर्ट पर तैनात कोई कर्मचारी ही कर सकता है।

गुदा में सोना छुपा कर लाने के स्मगलिंग के केस हुए कम

एयरपोर्ट पर गोल्ड स्मगङ्क्षलग के केसों की बात करें तो पता चलता है कि कुछ वर्ष पहले गोल्ड स्मगलर अपनी गुदा में सोना छुपाकर लाना सुरक्षित महसूस करते थे। हालांकि यह काम काफी कठिन व पीड़ादायक होता था। इन हालातों में गुदा में सोना छुपाने वाले कोरियर कुछ खाते-पीते भी नहीं थे, लेकिन एस.जी.आर.डी. एयरपोर्ट पर तैनात कस्टम अधिकारियों ने गुदा में सोना छुपा कर लाने वाले कोरियरों को पकडऩे के इतने केस बना दिए कि उन्होंने यह तरीका अपनाना बंद कर दिया। अब अत्याधुनिक तकनीक द्वारा सोने को पतली तारों के रूप में यात्री बैग या पर्स में छुपाया जाता है। माहिर लोग यह काम करते हैं। हर बार नई तकनीक का प्रयोग किया जाता है ताकि कस्टम विभाग व अन्य सुरक्षा एजैंसियों को चकमा दिया जा सके।

एक किलो पर 2 लाख की बचत, जब्त होने पर करोड़ों का नुक्सान

सोने की तस्करी रोकने में माहिर कुछ अधिकारियों से पता चला है कि सोने की तस्करी करने वालों को एक किलो सोने के पीछे डेढ़ से 2 लाख रुपए तक की बचत होती है लेकिन पकड़े जाने पर करोड़ों रुपए का नुक्सान भी तय होता है।  गोल्ड माफिया इतना शातिर है कि बार-बार पकड़े जाने पर भी गोल्ड स्मगलिंग बंद नहीं करता है। इसमें दुबई व अन्य देशों में सोना लाने वाले कोरियरों को भी 50,000 रुपया देना होता है। मुख्य रूप से दिल्ली व मुंबई जैसे बड़े मैट्रोपोलिटन सिटीज में बड़े स्तर पर गोल्ड स्मगङ्क्षलग की जाती है लेकिन सख्ती होने के बाद अमृतसर जैसे छोटे एयरपोर्ट्स की तरफ भी स्मगलर रुख कर लेते हैं।

आज तक नहीं पकड़ा गया किंगपिन
आम तौर पर किलो या आधा किलो सोना पकड़े जाने पर कस्टम विभाग सोना जब्त करके सोना तस्कर को जमानत पर रिहा कर देता है और आज तक इस सोने की तस्करी के खेल में किसी बड़े किंगपिन को पकडऩे में सुरक्षा एजैंसियां नाकाम रही हैं जिसके चलते सोने की तस्करी बदस्तूर जारी है, 15 किलो सोना पकड़े जाने के मामले में देखना है कि क्या डी.आर.आई. किंगपिन को पकड़ पाती है या फिर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

ए.पी.आई.एस. सिस्टम बुरी तरह फेल
गोल्ड स्मगलरों को पकडऩे के लिए कस्टम विभाग को ए.पी.आई.एस. (एडवांस पैसेंजर्स इन्फार्मेशन सिस्टम) दिया गया है जिसमें विभाग को उन यात्रियों की एडवांस में सूचना मिल जाती है जो यात्री बार-बार दुबई जैसे देशों की यात्रा करते हैं। एक व्यक्ति यदि महीने में 3 बार या इससे भी ज्यादा दुबई जाता है तो माना जा सकता है कि दाल में कुछ काला है ऐसे लोग ए.पी.आई.एस. में ट्रेस हो जाते हैं लेकिन तस्करों ने भी इस सिस्टम को तोड़ते हुए हर बार नए कोरियर भेजने का काम शुरू कर दिया है जिससे ए.पी.आई.एस. सिस्टम पूरी तरह से सफल नहीं हो रहा है, कुछ विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत भी तस्करों की मदद करती है।

एयरपोर्ट के टॉयलेट में मिला करोड़ों का लावारिस सोना किसका?
हवाई जहाज में सवार होकरदुबई व अन्य देशों से अमृतसर आने वाले यात्रियों से तो सोना पकड़ा ही जा रहा है, एस.जी.आर.डी. एयरपोर्ट के टॉयलेट से पकड़े करोड़ों के लावारिस सोने के मालिक का आज तक पता नहीं चल सका है। हालांकि इस मामले में भी एयरपोर्ट पर ही तैनात किसी न किसी कर्मचारी की मिलीभगत होने की चर्चा रही है। किसी अरब देश से आया सोना सभी सुरक्षा एजैंसियों की आंखों में धूल झोंक कर टॉयलेट तक कैसे पहुंच गया और टॉयलेट के वाटर टैंक में उसे किसने छुपाया और कैसे उसे निकाला जाना था, ये सवाल आज तक पहेली बने हुए हैं।

एक किलो निकालने का 30 हजार लेता है एक कर्मचारी
सोने की स्मगङ्क्षलग के मामले में कस्टम विभाग के एक कर्मचारी का नाम चर्चा में है जो एक किलो सोना निकालने के बदले में 30 से 40 हजार में सौदेबाजी करता है। महानगर की विख्यात सोना मंडी के एक सोना व्यापारी ने बताया कि विभागीय मिलीभगत से ही यह काम हो रहा है।   


 

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