Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 02:07 PM
शहर में अपराधोंं की दर को काबू करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, विभिन्न कालोनियोंं में लगे सुरक्षा गेट। कुछ वर्ष पहले शहर की कई पॉश व बाहरी कालोनियों में लगातार बढ़ रही चोरी की वारदातों को देखते हुए विभिन्न कालोनियों में बड़े-बड़े गेट लगाने की...
कपूरथला (भूषण): शहर में अपराधोंं की दर को काबू करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं, विभिन्न कालोनियोंं में लगे सुरक्षा गेट। कुछ वर्ष पहले शहर की कई पॉश व बाहरी कालोनियों में लगातार बढ़ रही चोरी की वारदातों को देखते हुए विभिन्न कालोनियों में बड़े-बड़े गेट लगाने की परपंरा शुरू हुई थी, जिसकी बदौलत जहां इन कालोनियों में चोरी की वारदातों में काफी कमी दर्ज की गई है, वहीं पुलिस की सिरदर्दी भी कम हुई है।
चोरी की वारदातों को रोकने के लिए शहर की विभिन्न कालोनियों में गेट लगाने की चल रही मुहिम की बदौलत अब जहां लोगों में मिलजुल कर अपने खर्च पर सुरक्षा गेट लगाने का सिलसिला तेज हो गया है, वहीं अब इन सुरक्षा गेटों को उन कालोनियों में लगाया जा रहा है, जहां चोरी की वारदातें अक्सर देखने को मिलती हैं। ‘पंजाब केसरी’ ने शहर के गोपाल पार्क, रोज एवेन्यू, विंडसन पार्क, न्यू माडल टाऊन तथा जर्मनी दास पार्क आदि क्षेत्रों का जब दौरा किया तो काफी स्थानों पर सुरक्षा गेट देखने को मिले।
निजी सुरक्षा कर्मचारी भी किए हैं तैनात
यदि पुलिस रिकार्ड की ओर नजर दौड़ाई जाए तो इन कालोनियों में गेट लगने के बाद चोरी की वारदातों में काफी हद तक कमी देखने को मिली है, जिसके कारण पुलिस को भी काफी राहत मिली है, वहीं सुरक्षा गेट से लैस सभी कालोनियों में विशेष तौर पर कालोनी निवासियों ने प्राइवेट तौर पर सुरक्षा कर्मचारी भी तैनात किए हैं, जिसके कारण इन क्षेत्रों में रात के समय समाज विरोधी तत्वों का आना काफी हद तक बंद हो गया है।
आपसी तालमेल में कमी के कारण कई
सुरक्षा गेटों के कारण अपराध की दर काफी कम होंने के बावजूद भी शहर की कई कालोनियां अभी भी सुुरक्षा गेटों से महरूम हैं, जिसका मुख्य कारण है कि इन कालोनियों में जागरूकता की कमी होना। कई कालोनियों में जहां आपसी तालमेल में कमी के कारण सुरक्षा गेट नहीं लग सके हैं। वहीं कुछ कालोनियों में फंड की कमी के कारण सुरक्षा गेट लगाने का काम पूरा नहीं हो सका है, जिसको लेकर प्रशासन को भी अपने तौर पर प्रयास करने चाहिएं।