मोदी जी! क्या स्टूडैंट्स के सपनों पर भी लगाएंगे टैक्स, भावी  इंजीनियरों पर लगेगा जी.एस.टी.!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 09:19 AM

future engineers will look at gst

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लगाए गए जी.एस.टी. ने जहां कारोबार के साथ-साथ हर वर्ग को प्रभावित किया है

लुधियाना(विक्की): केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा लगाए गए जी.एस.टी. ने जहां कारोबार के साथ-साथ हर वर्ग को प्रभावित किया है, वहीं अब सरकार ने देश के संभावित इंजीनियरों की पहली सीढ़ी यानी जे.ई.ई. एडवांस के एंट्रैंस एग्जाम की रजिस्ट्रेशन फीस पर भी जी.एस.टी. लगाने की तैयारी कर ली है। 


यही नहीं आई.आई.टी. कानपुर द्वारा इस बार 20 मई को लिए जाने वाले एडवांस के एंट्रैंस टैस्ट की रजिस्ट्रेशन फीस भी 200 रुपए बढ़ा दी गई है। अब एडवांस के लिए क्वालीफाई करने वाले 2.24 लाख स्टूडैंट्स को बढ़ी हुई फीस के साथ रजिस्ट्रेशन करवानी होगी। हालांकि इस फीस पर जी.एस.टी. के नाम से कितना बोझ स्टूडैंट्स की जेब पर पड़ेगा, यह एडवांस के लिए शुरू होने वाली रजिस्ट्रेशन के समय ही पता चल पाएगा। 

 

पढ़ाई में सबसिडी लेकिन एंट्रैंस टैस्ट पर टैक्स 

शिक्षाविदों का कहना है कि जे.ई.ई. मेन्स में भाग लेने वाले करीब 13 लाख युवाओं में से टॉप रैंकिंग में आने वाले 2.24 लाख स्टूडैंट्स में से केवल 10 हजार स्टूडैंट्स को ही देश की विभिन्न इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी (आई.आई.टीज.) में एडमिशन मिलती है। सरकार ने देश के उक्त टॉप 10 हजार स्टूडैंट्स को इंजीनियरिंग की सस्ती शिक्षा देने के उद्देश्य से ही आई.आई.टीज में दाखिला देने के लिए एडवांस परीक्षा की शुरूआत की थी लेकिन करीब 2.24 लाख विद्याॢथयों से 
एंट्रैंस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन फीस जी.एस.टी. सहित 
लेकर सरकार इसे महंगा करने की तैयारी में है।

 

2400 से बढ़ाकर 2600 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस 
जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष तक जनरल वर्ग के स्टूडैंट्स के लिए एडवांस की रजिस्ट्रेशन फीस 2400 रुपए थी, जिसे अब बढ़ाकर 2600 रुपए कर दिया गया है। वहीं लड़कियों, दिव्यांगों, एस.सी./एस.टी. आवेदनकत्र्ताओं से अब 1200 की बजाय 1300 रुपए लिए जाएंगे। इसके अलावा स्टूडैंट्स को जी.एस.टी. अलग से अदा करना होगा। 

 

ऑनलाइन मोड में होगी प्रवेश परीक्षा

बता दें कि इस बार जे.ई.ई. एडवांस की परीक्षा ऑनलाइन मोड पर होगी। पहला पेपर सुबह 9 से 12 और दूसरा पेपर दोपहर 2 से 5 बजे तक होगा। जे.ई.ई. एडवांस से पहले जे.ई.ई. मेन्स का पेपर सी.बी.एस.ई. की ओर से लिया जाएगा, जिसके लिए आवेदन दिसम्बर के पहले सप्ताह में शुरू होने की संभावना है। जे.ई.ई. मेन्स में भाग लेने वाले कुल विद्याॢथयों में से टॉप रैंकिंग में 2.24 लाख स्टूडैंट्स ही आई.आई.टी. में दाखिले के होने वाली जे.ई.ई. एडवांस की परीक्षा में भाग लेंगे।


जैसा सिस्टम पहले चल रहा था, वही ठीक है। सरकार को एंट्रैंस एग्जाम पर किसी तरह का कोई टैक्स लगाने से गुरेज करना चाहिए, क्योंकि यह मामला सीधे तौर पर स्टूडैंट्स के हित से जुड़ा है। जर्मनी जैसे देशों में एजुकेशन पूरी तरह फ्री है लेकिन यहां पर सरकार स्टूडैंट्स की प्रवेश परीक्षाओं पर भी टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है, जोकि गलत है।  -गौरिश, स्टूडैंट। 


टैक्स तो क्या कई स्टूडैंट्स तो फीस भरने में भी असमर्थ होते हैं। मेरी एक सहेली ने तो पिछले वर्ष फीस भरने में असमर्थ होने के चलते ही एडवांस का फार्म ही नहीं भरा था। सरकार अब इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पर टैक्स लगाने को कदम बढ़ा रही है। इससे तो सीधे तौर पर भी फीस में इजाफा होगा। सही शब्दों में तो रजिस्ट्रेशन फीस 200 रुपए बढ़ाना भी सही नहीं है।     -नंदिनी बांसल, छात्रा।


जो परीक्षाएं स्टूडैंट्स का भविष्य 
बनाती हैं, उन पर सरकार को टैक्स तो क्या किसी तरह की फीस भी नहीं लेनी चाहिए। यह फीस कई स्टूडैंट्स के लिए भरनी काफी मुश्किल होती है, वहीं ऊपर से जी.एस.टी. देने की बात पर कई स्टूडैंट्स फार्म ही नहीं भरेंगे।      -शुभम चुघ, स्टूडैंट।  


कम्पीटीशन एग्जाम की फीस पर टैक्स लगाने का कोई औचित्य ही नहीं है। सरकार को चाहिए कि कम्पीटीशन एग्जाम की फीस खत्म करके सभी स्टूडैंट्स को इसमें भाग लेने का अवसर प्रदान करके अपनी जिम्मेदारी निभाए। पेरैंट्स की आय के साधन कम होने की वजह से कई स्टूडैंट्स चाहते हुए भी कम्पीटीशन एग्जाम का हिस्सा नहीं बन पाते।                                                                                      -अरमिदा अश्फाक, छात्रा।


वैसे तो एजुकेशन देना सरकार की जिम्मेदारी है। टैक्स तो वहां से एकत्रित करना चाहिए, जहां से किसी को कोई कमाई हो रही हो। यह परीक्षा तो देश का नाम रोशन करने वाले स्टूडैंट्स के लिए कंडक्ट होती है तो इस पर सरकार जी.एस.टी. जैसे फालतू टैक्स क्यों थोपना चाहती है।                                                                   -मेघना गुप्ता, छात्रा।  

 

एजुकेशन बेसिक राइट है, जो सरकार प्रदान करती है लेकिन आई.आई.टी. के एंट्रैंस एग्जाम की फीस बढऩे के साथ इस पर जी.एस.टी. लगने से स्टूडैंट्स हतोत्साहित होंगे। सरकार ने अगर आई.आई.टी. में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले स्टूडैंट्स की गिनती बढ़ाई है तो निश्चित ही इससे कॉस्ट ऑफ कंडक्शन भी कम होंगे। ऐसे में फीस में इजाफा न करके इसमें कटौती करके स्टूडैंट्स का हौसला बढ़ाना चाहिए।                        -  तेजप्रीत सिंह, डायरैक्टर साइंस विंग एजुस्क्वेयर।

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