Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Nov, 2017 01:33 PM
भारत को आजाद हुए 70 साल हो गए हैं लेकिन लगता है कि अब भी कई जगह पर गुलामी जैसा जीवन जीने को लोग विवश हैं जहां पर हमारे बच्चों को जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है।
फिरोजपुर(जैन): भारत को आजाद हुए 70 साल हो गए हैं लेकिन लगता है कि अब भी कई जगह पर गुलामी जैसा जीवन जीने को लोग विवश हैं जहां पर हमारे बच्चों को जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है।
शिक्षा सुधार में अनेकों दावे करने वाली राज्य सरकार स्कूलों में फर्नीचर की कमी को पूरा करने में नाकाम साबित हो रही है। हालात यूं बने हुए हैं कि सीमावर्ती इलाकों में स्कूल जाने वाले मासूम विद्यार्थी ठंडी जमीन पर बैठकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। स्कूल अध्यापकों की मानें तो उनके द्वारा हर बार विभागीय अधिकारियों को डैस्क मुहैया करवाने संबंधी पत्र लिखा जाता है, लेकिन अभी तक किसी ने भी यहां ध्यान नहीं दिया है।
गांव रहीमेके प्राइमरी स्कूल के इंचार्ज पारस खुल्लर ने कहा कि डैस्क लाने संबंधी उन्होंने स्थानीय विधायक के अलावा जिलाधीश और विभागीय अधिकारियों को भी बताया है। सर्दी का मौसम होने के कारण विद्याॢथयों को दरियों पर बैठने में दिक्कत महसूस होती है।