रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे थे 10 लाख, अदालत ने की जमानत याचिका खारिज

Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Nov, 2017 10:52 AM

fraud in the name of getting a job in the railway

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्रियों तक सीधी पहुंच का झांसा देकर एक युवक को रेलवे विभाग में जे.ई. की नौकरी दिलवाने के एवज में 10 लाख की धोखाधड़ी करने के एक मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज जसपिन्द्र सिंह हेर की अदालत ने नई...

अमृतसर (महेन्द्र): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय मंत्रियों तक सीधी पहुंच का झांसा देकर एक युवक को रेलवे विभाग में जे.ई. की नौकरी दिलवाने के एवज में 10 लाख की धोखाधड़ी करने के एक मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज जसपिन्द्र सिंह हेर की अदालत ने नई दिल्ली निवासी बेबी नामक महिला की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।  थाना अमृतसर कैन्टोनमैंट की पुलिस ने बेबी के साथ-साथ उसके पति के खिलाफ भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था लेकिन फिलहाल स्थानीय केन्द्रीय जेल में बंद बेबी नामक कथित आरोपी महिला ने ही अपनी जमानत याचिका दायर की थी।

रेलवे में जे.ई. की नौकरी दिलवाने का दिया था झांसा 
थाना अमृतसर कैन्टोनमैंट क्षेत्र के निवासी अर्जुन सिंह ने पुलिस कमिश्नर के पास शिकायत दी थी कि जुलाई 2014 में वह अपनी पत्नी तथा 24 वर्षीय बेटे मनप्रीत सिंह के साथ दिल्ली गए हुए थे, जहां उसकी रिश्तेदार ज्योति पत्नी चरणजीत सिंह उसके बेटे मनप्रीत बारे यह पता कर रही थी कि उसके बेटे को नौकरी मिली है या नहीं।

इस दौरान उसने अभी यह कहा ही था कि आजकल सिफारिशों के बिना नौकरियां मिलती कहां हैं तो ज्योति ने उससे कहा कि उसका बहनोई (जीजा) अविनाश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यालय में काम करता है जिसकी प्रधानमंत्री तथा केन्द्रीय मंत्रियों तक सीधी पहुंच है, जो उसके बेटे मनप्रीत को नौकरी दिलवा सकता है। यह कह कर वह उन्हें अपने जीजा अविनाश के घर ले गई, जहां उसकी पत्नी बेबी उर्फ गुरविन्द्र कौर ने कहा कि उसके बेटे को नौकरी दिलवाना तो उसके पति के लिए बहुत छोटा सा काम है। इस तरह की बातें करके उसने उन्हें अपने विश्वास में ले लिया। 

2 बार जमा करवाए थे 5-5 लाख रुपए
शिकायतकर्ता ने बताया कि कुछ दिनों के पश्चात इलाहाबाद बैंक की शाखा साकेत नई दिल्ली में 5 लाख रुपए आरोपी अविनाश द्वारा जमा करवाने को कहा गया, जिस पर उसने यह राशि बताए गए बैंक खाते में जमा करवा दी। बाद में आरोपी ने उसे 5 लाख रुपए और जमा करवाने को कहा। उसने बैंक में 5 लाख रुपए और भी जमा करवा दिए थे। 

न नौकरी मिली और न ही रुपए
शिकायतकर्ता ने बताया कि समय गुजरने के पश्चात स्थिति यह रही कि न तो उनके बेटे को रेलवे में कोई नौकरी मिली और न ही उनके रुपए ही वापस मिले। रुपए वापस मांगे जाने पर कथित आरोपी अविनाश ने 9-11-2015 की तारीख डाल कर उसे 1 लाख रुपए का चैक अपनी साली के बैंक खाते से दिलवा दिया लेकिन जहां वह चैक बाऊंस हो गया, वहीं बाकी के 9 लाख रुपए भी उन्हें नहीं लौटाए गए। कथित आरोपी अविनाश के कहने पर चैक दोबारा लगाया गया तो बैंक में स्टॉप पेमैंट करवाए जाने कारण यह चैक दोबारा बाऊंस हो गया। 

अमृतसर के नामी होटल में बुला कर फंसाया था चक्रव्यूह में
शिकायतकर्ता का कहना था कि अक्तूबर, 2014 में ज्योति ने उसे फोन करके बताया कि उसकी बहन गुरविन्द्र कौर उर्फ बेबी व उसका जीजा अविनाश अमृतसर आ रहे हैं, जो स्थानीय रणजीत एवेन्यू में एक बड़े होटल में ठहरेंगे। जिस पर वह अपने पड़ोसी परमिन्द्र सिंह के साथ वहां गए तो कथित आरोपी अविनाश ने उन्हें कहा कि उनके बेटे के लिए रेलवे में जे.ई. की नौकरी का प्रबंध हो गया है। मंत्री से यह काम करवाने के लिए उन्हें कोई न कोई गिफ्ट देना होगा, जिस पर 4-5 लाख का खर्च हो सकता है। यह कहते हुए उसने रेलवे में जे.ई. की नौकरी के लिए फार्म भरने की बात कही, जिस पर उनके बेटे ने दिसम्बर 2014 में फार्म भी भर दिया।

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