Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:04 AM
पंजाब सरकार द्वारा लागू किए तानाशाह कानून (सरकारी और निजी जायदाद का नुक्सान रोकू एक्ट) को वापस करवाने और महाराष्ट्र के मकोका पर पर पंजाब सरकार का पकोका (पंजाब कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) कानून रद्द करवाने के लिए आज हजारों किसानों ने डी.सी....
पटियाला/रखड़ा(बलजिंद्र/राणा/जोसन) :पंजाब सरकार द्वारा लागू किए तानाशाह कानून (सरकारी और निजी जायदाद का नुक्सान रोकू एक्ट) को वापस करवाने और महाराष्ट्र के मकोका पर पर पंजाब सरकार का पकोका (पंजाब कंट्रोल आफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) कानून रद्द करवाने के लिए आज हजारों किसानों ने डी.सी. दफ्तर पटियाला का घेराव करके मुख्य सड़क को कई घंटे जाम रखा।
किसान इस मौके पर मांग कर रहे थे कि इन दोनों कानूनों को रद्द किया जाए। इस धरने में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां, भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा, कीॢत किसान यूनियन, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब, आजाद किसान संघर्ष कमेटी पंजाब आदि 7 किसान संगठनों के कार्यकत्र्ता पहुंचे।
समूचे संगठनों के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसान संगठनों के साथ बैठक करके जल्द से जल्द कर्जा माफी और अन्य मांगें पूरी करने के लिए वचन दिया था, पर 9 महीने बीत जाने के बाद भी कोई भी वायदा पूरा नहीं किया। इस कारण मजबूरन सभी संगठनों को एक मंच पर एकत्रित होकर सरकार को किए वायदे याद करवाने के लिए आज जिला हैडक्वार्टरों पर धरने लगाने पड़े।
धरने दौरान किसान संगठन के नेता डा. दर्शनपाल, प्रदेश महासचिव जगमोहन सिंह, जगतार सिंह कालाझाड़, अमृतपाल धनेठा, अजैब सिंह लक्खोवाल, गुरदेव सिंह गज्जूमाजरा, अवतार सिंह कौरजीवाल, बलबीर सिंह मवीसप्पां आदि नेताओं ने कहा कि जो कांग्रेस पार्टी चुनावों से पहले किसानों के साथ वायदे करती थी उन सब वायदों से वह भाग रही है। एक भी वायदा किसानों के हक में मौजूदा सरकार में पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों की मांगों को पूरा न किया तो अघोषित समय के लिए किसान प्रदेश भर में रोष धरने लगाने के लिए मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। किसान संगठनों ने प्रशासन के उच्चाधिकारी को मांग पत्र दिया।