सफेद दूध का काला धंधा, नकली व मिलावटी दूध से लोग हो रहे बीमारियों का शिकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 07:44 AM

fake milk

केन्द्र तथा पंजाब सरकार प्रतिदिन मानव प्रयोग में आने वाली चीजों में मिलावट करने वालों पर काबू पाने के लिए कई तरह के नए कानून बना रही है। सरकार की कोशिशों के बावजूद मिलावटखोर अपना यह धंधा बिना किसी रुकावट के जारी रखे हुए हैं।

गुरदासपुर (विनोद): केन्द्र तथा पंजाब सरकार प्रतिदिन मानव प्रयोग में आने वाली चीजों में मिलावट करने वालों पर काबू पाने के लिए कई तरह के नए कानून बना रही है। सरकार की कोशिशों के बावजूद मिलावटखोर अपना यह धंधा बिना किसी रुकावट के जारी रखे हुए हैं। येलोग बिना किसी भय के नकली दूध, पनीर, मेवा खुलेआम लगभग सारे जिले में अज्ञात स्थानों पर डेयरियां बना कर बेच कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं।

कहां-कहां तैयार हो रह हैं ये नकली दुग्ध उत्पाद
इकट्ठी की गई जानकारी के अनुसार गुरदासपुर, श्री हरगोङ्क्षबदपुर, घुम्मान, उद्यनवाल, हरचोवाल, सठियाली, कलानौर, दोरांगला, काहनूवान, धारीवाल, दीनानगर, तारागढ़ आदि कस्बों में इन लोगों ने डेयरी रूपी गोरखधंधा शुरू कर रखा है और अपने प्राइवेट वाहनों द्वारा दुकानों पर ये नकली दुग्ध उत्पाद बेच रहे हैं। वर्णनीय है कि उक्त शहरों व कस्बों में यदि कोई व्यक्ति क्विंटल या इससे अधिक पनीर, मेवा आदि की मांग करता है तो ये लोग एक घंटे में सप्लाई कर देते हैं। इस धंधे के चलते ये तो रातों-रात अमीर बनते जा रहे हैं परंतु इलाके के लोग कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

क्या कहते हैं लोग
अपना नाम गुप्त रखने के आश्वासन पर लोगों ने बताया कि डेयरी मालिक सिंथैटिक दूध तैयार करने के लिए यूरिया खाद का प्रयोग करते हैं। यह तैयार किया गया दूध बेशक बहुत मीठा होता है परंतु यह मीठा जहर होता है। यहीं बस नहीं ये लोग सूखे दूध का घोल तैयार कर लोगों तक पंहुचाते हैं और दूध की फैट बढ़ाने के लिए कई तरह के जहरीले कैमिकल्स का इस्तेमाल भी करते हैं।  डेयरी मालिक प्रात: ही यह नकली दुग्ध उत्पाद मांग के अनुसार सप्लाई कर देते हैं। बेशक सेहत विभाग का कहना है कि उन्हें इस धंधे की जानकारी नहीं है परंतु लोगों का कहना है कि सेहत विभाग की मर्जी के बिना यह अवैध धंधा एक दिन भी नहीं चल सकता। 

सेहत विभाग द्वारा इस इलाके में नकली दुग्ध उत्पाद बेचने व तैयार करने वालों के सामान का आज तक एक भी सैम्पल नहीं भरा गया है। सेहत विभाग चाहे तो प्रात: इस संबंधी कार्रवाई करके जिलेमें 20 से अधिक वाहनों को पकड़ सकता है जो सिंथैटिक दूध सप्लाई करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। 

क्या कहते हैं सेहत विभाग के अधिकारी
जिला सेहत अधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि सेहत विभाग अपने सीमित साधनों से जितना हो सकता है वह कर रहा है। इस संबंधी लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। यह नकली सामान बाजार से सस्ता मिलता है तथा मिलावटी मेवा, पनीर व दूध आदि का स्पष्ट पता चल जाता है कि यह नकली है। लोगों को चाहिए कि वे नकली दुग्ध उत्पाद खरीदना व बेचना बंद कर दें।

उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संंबंधी सख्त आदेश जारी कर सख्त सजा का प्रवधान निर्धारित कर दिया है। सेहत विभाग गुरदासपुर में किसी भी हालत में यह नकली व मिलावटी दुग्ध उत्पाद नहीं बिकने देगा। उन्होंने कहा कि दूध बेचने वालों के लिए सेहत विभाग के पास अपना पंजीकरण करवाना जरूरी है परंतु इस संबंधी सेहत विभाग सफल नहीं हो पा रहा है। इन दूध बेचने वालों को चैक करने के लिए स्टाफ की भारी कमी है।

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