Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Nov, 2017 03:03 PM
आम आदमी पार्टी चाहे नगर निगम चुनाव के लिए तैयारियों का दावा कर रही है परंतु वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री के शाही शहर पटियाला में इन चुनावों में खड़े करने के लिए आप को 60 उम्मीदवार ढूंढने कठिन हो गए हैं।
पटियाला(जोसन): आम आदमी पार्टी चाहे नगर निगम चुनाव के लिए तैयारियों का दावा कर रही है परंतु वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री के शाही शहर पटियाला में इन चुनावों में खड़े करने के लिए आप को 60 उम्मीदवार ढूंढने कठिन हो गए हैं।
जानकारी मिल रही है कि चुनाव लडऩे के लिए आने वाले खर्च और सरकार की कथित ज्यादतियों से डर के कारण वालंटियर चुनाव मैदान में आने से कतरा रहे हैं। इसके अलावा पुराने वालंटियरों की नाराजगी ने भी पार्टी की परेशानी बढ़ा दी है। उधर यह भी जानकारी मिल रही है कि नेताओं ने नाराज वालंटियरों के साथ संबंध बनाना शुरू कर दिया है।
अब वे नेता जो पहले खुद टिकटों के लिए दिल्ली हाईकमान के पास हाथ जोड़ रहे थे, वे अब खुद वालंटियरों के चक्कर काट रहे हैं कि वे निगम चुनाव में उम्मीदवार बनें। इस मामले में आप के कुछ नाराज वालंटियरों, पार्टी में सक्रिय वालंटियरों और कुछ आम वर्करों के साथ भी बात की।पुराने और नाराज वालंटियर यह कह रहे हैं कि जिन्होंने अब तक पार्टी के पदों पर राज किया है, वे खुद आगे आकर अपने समर्थकों को चुनाव लड़वाएं। जबकि पार्टी में सक्रिय वालंटियरों का कहना है कि फिलहाल चुनाव मैदान में लडऩे का कोई फायदा नहीं है। सत्ता पक्ष के साथ विरोध पाल कर नुक्सान हो सकता है। यह भी माना जा रहा है कि जिस तरह पिछले 3 निगम चुनाव में धक्का मुक्की हुई है, इस तरह अब यदि ऐसा हुआ तो मार खाकर भी पुलिस केसों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में फिर पार्टी साथ देगी या नहीं कहना मुश्किल है।
पार्टी चुनाव खर्चा वहन करे, तभी चुनाव लड़ेंगे
कुछ वालंटियरों का तर्क है कि यदि पार्टी चुनाव खर्चा वहन करेगी तो ही वे चुनाव लड़ेंगे। जबकि सूत्र बताते हैं कि हाईकमान ने किसी भी निगम उम्मीदवार को पार्टी फंड देने की कोई शर्त नहीं रखी है। इसलिए ऐसी स्थिति में जहां आम वालंटियर का चुनाव मैदान में उतरना कठिन है, वहीं आप नेताओं के लिए भी मुश्किल घड़ी है कि वे वालंटियरों को उम्मीदवार के तौर पर कैसे मैदान में लाते हैं।यह भी पता लगा है कि पिछले दिनों आम आदमी पार्टी ने इन चुनाव मुद्दों समेत और मामलों को लेकर लुधियाना में मीटिंग बुलाई थी। सूत्र बताते हैं कि इस मौके पटियाला के एक सीनियर नेता ने पार्टी हाईकमान को ही घेरने के लिए तैयारी शुरू कर दी और कहा कि हमें हाईकमान ने समय नहीं दिया व उसने अन्य कई मुद्दों पर हाईकमान को ही दोषी ठहरा दिया। सूत्र बताते हैं कि इसके बाद सारी बात सुनकर पंजाब के एक नेता ने जवाब देते हुए कहा कि यदि पटियाला शहर में पार्टी की कमजोरी के लिए हाईकमान ही दोषी है तो फिर वहां बैठे नेताओं का क्या फर्ज है। उनको पद पर बैठने का क्या अधिकार है।
हाईकमान ने सीनियर नेताओं को लगाई लताड़
यह भी पता लगा है कि हाईकमान ने पटियाला के सीनियर नेताओं को यह भी ताडऩा की है कि उनसे अभी तक नाराज नेता ही मान नहीं सके हैं। इसका ठीकरा हाईकमान पर न फोड़ा जाए। पार्टी के रवैये के तुरंत बाद यहां के सीनियर नेताओं ने नाराज को मनाने के लिए यत्न शुरू कर दिए हैं। फिलहाल यह यत्न ज्यादा प्रभावशाली दिखाई नहीं दे रहे हैं।
नाराज को मनाने का काम जारी
इस संबंधी पार्टी के अमन अरोड़ा का कहना है कि पंजाब की लगभग सभी कार्पोरेशनों से उम्मीदवारों की लिस्टें तैयार की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि नाराज को मनाने का काम जारी है और जल्दी ही सभी नेता और वालंटियर एक होकर पार्टी की बेहतरी के लिए काम करेंगे।