Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 01:19 PM
डी.सी. दफ्तर कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार आज अमृतसर डी.सी. दफ्तर कर्मचारी यूनियन व सभी सब-डिवीजन कर्मचारियों की तरफ से कलम छोड़ हड़ताल की गई। कर्मचारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और किसी भी प्रकार का सरकारी काम...
अमृतसर (नीरज): डी.सी. दफ्तर कर्मचारी यूनियन की प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार आज अमृतसर डी.सी. दफ्तर कर्मचारी यूनियन व सभी सब-डिवीजन कर्मचारियों की तरफ से कलम छोड़ हड़ताल की गई। कर्मचारियों ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और किसी भी प्रकार का सरकारी काम नहीं किया, जिसके चलते डी.सी., ए.डी.सी., एस.डी.एम. व तहसीलदारों सहित समूचे डी.सी. दफ्तर का काम ठप्प रहा।
जिला प्रधान अरविंद्र सिंह संधू ने बताया कि पंजाब सरकार कई वर्षों से कर्मचारी विरोधी नीति अपना रही है। अमृतसर जिले सहित पूरे पंजाब के डी.सी. दफ्तरों में एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों की सीटें खाली हैं, लेकिन इन रिक्त पदों पर स्टॉफ तैनात नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं, पंजाब सरकार ने नई सब-डिवीजनों, तहसीलों व सब-तहसीलों का भी निर्माण कर दिया है, लेकिन यहां पर किसी भी प्रकार के नए स्टॉफ को तैनात नहीं किया है, उल्टा मौजूदा कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्यभार दिए जा रहे हैं जिससे कर्मचारियों को एक की बजाय कई सीटों पर काम करना पड़ रहा है। सरकार को इस बाबत दर्जनों बार ज्ञापन दिए जा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जा रही है जिससे कर्मचारियों में भारी रोष पाया जा रहा है।
बंद रहे रजिस्ट्री दफ्तर, एक दिन में ही करोड़ों का नुक्सान
डी.सी. दफ्तर कर्मचारी यूनियन की तरफ से की गई हड़ताल के चलते समूह जिलों में रजिस्ट्री दफ्तर भी बंद रहे जिससे सरकार को रजिस्ट्री के साथ लगने वाली स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस के ररूप में करोड़ों रुपए का नुक्सान हुआ है। मंगलवार को भी कर्मचारियों की तरफ से हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया गया है।