Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Dec, 2017 01:49 PM
शिक्षा विभाग ने पंजाब के प्राइवेट और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर शिकंजा कस दिया है। विभाग ने राज्य के समूह जिला शिक्षा अधिकारी (स) को पत्र जारी करते हुए उक्त स्कूलों की गतिविधियों पर खास नजर रखने के आदेश दिए हैं। विभाग द्वारा की जा रही सख्ती के खिलाफ...
अमृतसर (दलजीत): शिक्षा विभाग ने पंजाब के प्राइवेट और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर शिकंजा कस दिया है। विभाग ने राज्य के समूह जिला शिक्षा अधिकारी (स) को पत्र जारी करते हुए उक्त स्कूलों की गतिविधियों पर खास नजर रखने के आदेश दिए हैं। विभाग द्वारा की जा रही सख्ती के खिलाफ मान्यता प्राप्त और एफीलिएटेड स्कूल्ज एसोसिएशन (रासा) ने मोर्चा खोलते समूह स्कूलों को बंद कर चाबियां मुख्यमंत्री को देने का मन बना लिया है।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को जारी पत्र में स्पष्ट किया है कि उनके अधीन आने वाले प्राइवेट और मान्यता प्राप्त स्कूलों के अध्यापकों और विद्यार्थियों की संख्या इकट्ठी की जाए और यकीनी बनाया जाए कि उक्त वर्ग को आधार के साथ जोड़ा है। हर वर्ष बिल्डिंग सेफ्टी का सर्टीफिकेट जारी करने से पहले विभाग की टीम को भेज कर तसल्ली कर ली जाए। समय-समय पर स्कूलों की चैकिंग की जाए और पीने वाले पानी के प्रबंध और शौचालयों की खास जांच की जाए। विभाग से पत्र प्राप्त होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों ने क्लस्टर प्रमुखों को आदेश दे दिए हैं कि वे स्कूलों की लगातार जांच करें। विभाग के पत्र के बाद पंजाब के स्कूलों में हड़कंप का माहौल है। मान्यता प्राप्त व एफीलिएटिड स्कूल्ज एसोसिएशन (रासा) ने आज अमृतसर में प्रांतीय कमेटी की हंगामी बैठक की।
बोर्ड की मैरिट में रासा के स्कूल रहते हैं आगे
शर्मा ने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के 10 वर्षों के परिणामों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता लगता है कि रासा के स्कूलों के विद्यार्थी ही मैरिट में आए हैं, जबकि प्राइवेट स्कूलों को नसीहत देने वाले शिक्षा विभाग के स्कूलों का हाल बुरा है। उन्होंने कहा कि आज ही सभी जिले के प्रधानों को पत्र जारी कर दिए गए हैं कि यदि कोई भी विभागीय अधिकारी उनके स्कूल की जांच करने आए तो उस का घेराव किया जाए और जांच में शामिल न हुआ जाए।
मुख्यमंत्री के आदेश का नहीं हुआ पालन
उन्होंने कहा कि बीते दिनों रासा का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को भी विभाग की मनमानियों के खिलाफ मिला था, मुख्यमंत्री ने मौके पर ही विभाग के सचिव कृष्ण कुमार को स्कूलों की समस्याएं हल करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करने के आदेश दिए थे। विभाग के सचिव मुख्यमंत्री के आदेश की पालन नहीं कर रहे हैं। विभाग की मनमानी के खिलाफ जल्द ही रासा के समस्त स्कूल ताले लगाकर चाबियां मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। उस के बाद राज्य की शिक्षा प्रणाली में आने वाले पतन की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की सीधे तौर पर होगी।
सरकारी स्कूलों की कमियां को नजर अंदाज कर रहा है विभाग
रासा के राज्य महासचिव पं.कुलवंत राय शर्मा ने कहा कि विभाग सरकारी स्कूलों की कमियों को दूर करने की बजाय रासा के स्कूलों को बिना वजह धमका रहा है। पंजाब में सैंकड़ों सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनकी इमारतें गिरने वाली हैं। पीने वाले पानी के लिए उपयुक्त प्रबंध नहीं हैं और शौचालय भी गंदे होने के कारण विद्यार्थियों को बाहर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि रासा के पंजाब में साढ़े 5 हजार स्कूलों में अढ़ाई लाख से अधिक मेहनती और कुशल स्टाफ विद्याॢथयों का भविष्य उज्ज्वल कर रहा है। रासा के स्कूल कम फीस लेकर सरल शिक्षा विद्यार्थियों को दे रहे हैं।