Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Dec, 2017 10:49 AM
सुबह से रुक-रुक कर पड़ रही बारिश ने जहां सर्दी के मौसम का पहले दिन अहसास करवाया, वहीं लोगों को घरों में ही दुबके रहने के लिए मजबूर कर दिया। मैदानी क्षेत्र में हुई मौसम की पहली बारिश व पहाड़ों में पड़ी बर्फबारी से तापमान में भी काफी गिरावट आई। सुबह...
कपूरथला/सुल्तानपुर लोधी (मल्होत्रा, धीर): सुबह से रुक-रुक कर पड़ रही बारिश ने जहां सर्दी के मौसम का पहले दिन अहसास करवाया, वहीं लोगों को घरों में ही दुबके रहने के लिए मजबूर कर दिया। मैदानी क्षेत्र में हुई मौसम की पहली बारिश व पहाड़ों में पड़ी बर्फबारी से तापमान में भी काफी गिरावट आई। सुबह से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने जन-जीवन भी अस्त व्यस्त कर दिया।
सुबह स्कूल जाने के समय व छुट्टी के वक्त बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वाहन चालकों को भी बारिश से बचाव के लिए वाइपर चलाते हुए धीरे-धीरे अपनी मंजिल की तरफ बढ़ते नजर आए। दोपहिया वाहनों विशेषकर मोटरसाइकिल व स्कूटी चालकों को भी काफी दिक्कतें पेश आईं।
गेहूं की फसल के लिए लाभदायक बारिश
खेतीबाड़ी विशेषज्ञों के अनुसार यह बारिश गेहूं की फसल के लिए लाभदायक है। गेहूं को पानी मिल गया है व जमीन भी नर्म हो गई है जिससे अब गेहूं की फसल जल्दी ही अंकुरित हो जाएगी। सूखी पड़ रही
सर्दी से होगा बचाव
काफी दिनों से पड़ रही सूखी ठंड के चलते भारी संख्या में लोग बुखार, खांसी, जुकाम, गला व पेट दर्द आदि से पीड़ित थे। अब बारिश से जहां लोगों को कई बीमारियों से छुटकारा मिलेगा, वहीं अस्पतालों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे।
राहत भी और परेशानियां भी
कई दिनों के इंतजार के बाद पूरा दिन चली हल्की बूंदाबांदी ने जहां ठंड से आम जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है वहीं दूसरी ओर शहर के कई स्थानों पर बिजली सप्लाई के साथ पानी भी बंद होने के कारण लोगों को बिना नहाए ही अपने कारोबार व कार्यालयों में जाना पड़ा। कई दिनों से पड़ रही सूखी ठंड से परेशान लोगों ने वर्षा आने पर राहत की सांस ली। सूखी ठंड पड़ने से कई तरह की बीमारियों का सामना कर रहे छोटे बच्चे व बुजुर्ग उपचार हेतु अस्पतालों में आ रहे थे। दूसरी ओर लोगों को बूंदाबांदी के चलते काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाजारों में मंदी का दौर रहा। लोग छाता लेकर अपनी मंजिलों की तरफ बढ़ते देखे गए। काला संघिया रोड, मोहल्ला बक्करखाना सहित कुछ स्थानों पर वर्षा आने पर दलदल जैसी स्थिति बन गई, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।